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खापों ने पूर् दी श्रद्धांजलि : खापों ने सत्यपाल मलिक को बताया सच्चा किसान पुत्र

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन से हरियाणा की खाप पंचायतों और जनमानस में गहरी शोक लहर दौड़ गई। किसान आंदोलन के दौरान मुखर रहे मलिक को खापों ने ‘जनता का सच्चा प्रतिनिधि’ और ‘किसान पुत्र’ बताते हुए...
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पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक से 22 अप्रैल 2021 को दिल्ली में कंडेला खाप प्रतिनिधियों से मुलाकात का फाइल फोटो। -हप्र
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन से हरियाणा की खाप पंचायतों और जनमानस में गहरी शोक लहर दौड़ गई। किसान आंदोलन के दौरान मुखर रहे मलिक को खापों ने ‘जनता का सच्चा प्रतिनिधि’ और ‘किसान पुत्र’ बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

कंडेला खाप पंचायत ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वे राज्यपाल बाद में, पहले किसान के बेटे थे।” खाप प्रवक्ता जगत सिंह रेढू ने भावुक होते हुए कहा कि मलिक के जाने से ऐसा लगता है जैसे खाप का दायां हाथ टूट गया हो।

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रेढू ने 22 अप्रैल 2021 को मलिक से दिल्ली में हुई मुलाकात की तस्वीर साझा की और बताया कि उसी वर्ष जब उन्हें कंडेला बुलाया गया, तो उन्होंने बिना झिझक न्योता स्वीकार किया और किसानों की आवाज को मजबूती से उठाया।

उन्होंने आगे कहा कि सत्यपाल मलिक जैसे नेता सदियों में एक बार जन्म लेते हैं-निर्भीक, सच्चे और जनपक्षधर। उनका जाना केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि सच की आवाज की विदाई है।

पूर्व सांसद धर्मपाल सिंह मलिक और मलिक खाप प्रधान बलजीत मलिक ने भी उन्हें 'साहसी और सिद्धांतवादी नेता' बताते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मलिक ने अंतिम सांस तक किसानों और आमजन के पक्ष में आवाज बुलंद की।

माजरा खाप ने बुधवार को शोकसभा आयोजित कर मलिक को श्रद्धांजलि दी। खाप प्रधान गुरविंदर सिंह, महासचिव महेन्द्र सिंह सहारण और प्रवक्ता समुंद्र फोर ने कहा कि मलिक संवैधानिक पद पर होते हुए भी जनसंघर्षों के साथ डटे रहे। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान सरकार को स्पष्ट शब्दों में आगाह किया था कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। छह मार्च 2021 को मलिक, कंडेला खाप के आमंत्रण पर जींद पहुंचे थे, जहां उन्होंने किसानों के साथ मंच साझा किया और आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया।

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