ज्योति गिरी महाराज का अस्पताल भवन कब्जा मुक्त
लगभग चार महीने की मशक्कत और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दी गई शिकायत के बाद गुरुग्राम जिले के गांव भोंडाकला स्थित महामंडलेश्वर ज्योति गिरी महाराज की करोड़ों रुपए की अस्पताल संपत्ति आखिरकार कब्जा मुक्त हो गई। यह भवन फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक व्यक्ति ने अपने नाम किया और आगे एक संस्था को किराए पर दे दिया था। ग्रामीणों के सहयोग से प्रशासन ने भवन को तो खाली करा लिया, लेकिन अस्पताल की करोड़ों की मशीनरी और उपकरण रहस्यमय ढंग से गायब हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस भवन को कब्जा मुक्त कराने के लिए उन्हें महीनों तक पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटने पड़े। चार महीने तक जिला पुलिस से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक गुहार लगाई गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस दबाव में थी और जब तक मामला मुख्यमंत्री सैनी तक नहीं पहुंचा, तब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
करोड़ों की मशीनरी गायब
ग्रामीणों के अनुसार, अस्पताल का निर्माण आधुनिक सुविधाओं के साथ किया गया था। इसमें करोड़ों रुपए की मेडिकल मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए गए थे। उद्घाटन हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने किया था और उस समय अधिकारी भी मौजूद थे। लेकिन अब पूरा अस्पताल खाली है और उसका कीमती सामान गायब है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि आखिर इतनी बड़ी चोरी कैसे हो गई, जबकि अस्पताल से मात्र 200 मीटर की दूरी पर ही बिलासपुर पुलिस थाना स्थित है।
महामंडलेश्वर ज्योति गिरी महाराज ने भी पुलिस को इस चोरी की शिकायत दी थी, लेकिन अब तक न तो सामान बरामद हुआ है और न ही दोषियों पर कार्रवाई। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस को जनता के सवालों का सामना करना पड़ेगा।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, जिनमें राम भूल सिंह प्रधान, राजकुमार प्रधान, महेश ठेकेदार, सतबीर उर्फ पासवान, कृष्णा पाटिल सरपंच, विक्रम सिंह और महेश चौहान शामिल थे। ग्रामीणों ने बताया कि बिलासपुर थाने में इस मामले की एफआईआर चार महीने पहले दर्ज हुई थी, लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई। उनका आरोप है कि पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और संभवतः वह आरोपियों से मिली हुई है।
‘साधु के खिलाफ साजिश’
स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने इसे उनके खिलाफ रची गई साजिश बताया। उनका कहना है कि साधु की जमीन हड़पने और अस्पताल पर कब्जा करने की कोशिश एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा थी। उन्होंने कहा कि धर्म और समाज के लिए समर्पित साधु के खिलाफ साजिश रचने वाले कभी चैन से नहीं जी पाएंगे और न्याय अवश्य होगा।