जजपा ने कर्ण चौटाला को भेजा मानहानि नोटिस
हरियाणा की सियासत में एक बार फिर चौटाला परिवार के भीतर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। करीब 35 साल पुराने महम कांड को लेकर इनेलो नेता कर्ण चौटाला द्वारा दिए गए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। कर्ण चौटाला ने दावा किया था कि 1990 की महम गोलीकांड से जुड़ी एफआईआर में डॉ. अजय सिंह चौटाला का नाम दर्ज था। इसी आरोप के बाद अब जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने कड़ा रुख अपनाते हुए कर्ण चौटाला को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है।
जजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनदीप बिश्नोई ने भेजे नोटिस में कहा है कि कर्ण चौटाला को 15 दिनों के भीतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक माफी मांगनी होगी और उस वीडियो क्लिप को सभी प्लेटफॉर्म से हटाना होगा, जिसमें यह दावा किया गया था।
नोटिस में कहा गया है कि कर्ण चौटाला ने बिना तथ्यों की पुष्टि किए राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर झूठे आरोप लगाए, जिससे जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. अजय सिंह चौटाला की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। नोटिस में यह भी उल्लेख है कि एफआईआर नंबर 76, दिनांक 1 मार्च 1990, भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 148, 149 के तहत दर्ज हुई थी, जिसमें शिकायतकर्ता धर्मपाल निवासी मदीना (रोहतक) ने केवल अभय सिंह चौटाला को नामजद किया था।
बिश्नोई ने कहा कि जिस दिन की घटना की बात कही जा रही है, उस दिन डॉ. अजय सिंह चौटाला महम में थे ही नहीं, बल्कि वे राजस्थान के दाता रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मौजूद थे।
जजपा का कहना है कि कर्ण चौटाला ने चौटाला परिवार की राजनीतिक खींचतान में सत्य और संवेदना की सीमाएं लांघ दी हैं। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि डॉ. अजय सिंह चौटाला एक साफ-सुथरे, मिलनसार और मृदुभाषी राजनेता हैं, जिनकी छवि को धूमिल करने की साजिश की जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद चौटाला परिवार की आंतरिक कलह और इनेलो-जजपा के बीच बढ़ती दूरी का नया अध्याय है। महम कांड जैसे पुराने जख्मों को फिर से कुरेदने से परिवार और पार्टी, दोनों के रिश्तों में और खटास आने की संभावना जताई जा रही है।
दुष्यंत ने विज के खिलाफ वापस ले लिया था केस
-दवा घोटाला उजागर करने पर हिसार के तत्कालीन सांसद पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को नशेड़ी बताने के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयान के खिलाफ दायर मानहानि की आपराधिक शिकायत को दुष्यंत चौटाला ने वापस ले लिया था। मामले के अनुसार 18 मार्च, 2018 को सांसद दुष्यंत चौटाला ने स्वास्थ्य विभाग में करोड़ो रुपये की दवा एवं उपकरण की खरीद मामले में चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस कर सबूतों के साथ घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 3 अप्रैल, 2018 को दुष्यंत चौटाला को पत्रकार वार्ता में नशेड़ी बताते हुए उनको किसी नशा मुक्ति केंद्र से अपना इलाज करवाने की सलाह दी थी। दुष्यंत चौटाला ने अनिल विज के खिलाफ हिसार अदालत में 7 जुलाई, 2018 को मानहानि का नोटिस जारी किया था जिसके करीब 15 माह बाद ही दुष्यंत चौटाला भाजपा-जजपा सरकार में उप मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद 6 जून, 2022 को दुष्यंत चौटाला ने यह केस वापस ले लिया था।
