बाजरे की खरीद न होने पर झज्जर मंडी में जेजेपी का प्रदर्शन
जेजेपी के कार्यकर्ताओं ने झज्जर की मंडी में पहुंच कर पहले तो फसल खरीद का जायजा लिया और बाद में किसानों के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की। यहां प्रदर्शन में जेजेपी सुप्रीमो डाॅ.अजय सिंह चौटाला को आना था, लेकिन...
जेजेपी के कार्यकर्ताओं ने झज्जर की मंडी में पहुंच कर पहले तो फसल खरीद का जायजा लिया और बाद में किसानों के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की। यहां प्रदर्शन में जेजेपी सुप्रीमो डाॅ.अजय सिंह चौटाला को आना था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आए। उनकी गैरमौजूदगी में जेजेपी कार्यकर्ताओं ने झज्जर मंडी पहुंच कर सरकार की कार्यशैली के खिलाफ न सिर्फ उंगली उठाई बल्कि सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश जाखड़ व जिलाध्यक्ष संजय दलाल के नेतृत्व में जेजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन के दौरान सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। जेजेपी नेताओं का कहना था कि मंडियों में अपनी फसल की खरीद न होने के चलते किसान बुरी तरह से परेशान हैं और उधर दूसरी तरफ प्रदेश के सीएम नायब सैनी इन किसानों की सुध लिए जाने की बजाय विदेशी सैर-सपाटे पर हैं। जेजेपी के जिलाध्यक्ष संजय दलाल ने कहा कि प्रकृति की मार झेल चुके प्रदेश के किसान को अब प्रदेश की सरकार भी पूरी तरह से बर्बाद करने के मूड में है। उन्होंने कहा कि एमएसपी की बात हरियाणा सरकार करती है लेकिन आज किसान इस क्षेत्र में अपनी बाजरे की फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।
रही बात भावान्तर भरपाई योजना की, तो यदि सरकार इस योजना का किसान को लाभ दे भी देती है तो उसके बावजूद भी किसान को 300 रूपए प्रति क्विंटल का नुकसान हर हाल में होकर रहेगा। इस दौरान जेजेपी कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि जब हरियाणा की पिछली सरकार में दुष्यन्त चौटाला प्रदेश के डिप्टी सीएम थे तब किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा गया था।
प्रदर्शन के बीच आढ़तियों ने जेजेपी को बताया मलाई चाट!
झज्जर अनाज मंडी में उस समय माहौल गरमा गया, जब फसल खरीद की समीक्षा करने पहुंचे जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं को आढ़तियों और किसानों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। गुस्साए आढ़तियों ने जेजेपी नेताओं को घेर लिया और भाजपा के साथ सत्ता में रहकर किसानों के हितों की अनदेखी करने के आरोप लगाए। मंडी में उपस्थित आढ़तियों ने कहा कि जो जेजेपी नेता पहले भाजपा को किसान विरोधी बताते थे, वही सरकार में शामिल होकर मौन साधे रहे और मलाई खाते रहे। किसानों और आढ़तियों ने जेजेपी कार्यकर्ताओं के मंडी में प्रदर्शन को ‘घड़ियाली आंसू’ बताया। किसानों ने सवाल उठाया कि जब दिल्ली बॉर्डर पर किसान सड़कों पर ठिठुर रहे थे, तब जेजेपी नेताओं की आवाज़ क्यों नहीं उठी?