झज्जर का जलभराव प्राकृतिक नहीं, प्रशासनिक आपदा : दीपेंद्र हुड्डा
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने झज्जर जिले में जलभराव की गंभीर स्थिति पर प्रशासन और सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि आगामी 19 सितंबर को होने वाली जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में प्रत्येक गांव की विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाए। इस रिपोर्ट में पंप-सेट, पाइपलाइन, बिजली कनेक्शन, ड्रेनों व सीवर की सफाई, नालों की स्थिति और राहत कार्यों की पूरी जानकारी शामिल होनी चाहिए।
दीपेंद्र ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जलनिकासी के लिए तुरंत अस्थायी और स्थायी पंप-सेट लगाए जाएं, खेतों व सड़कों से पानी निकालकर जनजीवन सामान्य किया जाए और स्वास्थ्य विभाग जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव करे। लोक निर्माण विभाग को टूटी सड़कों की मरम्मत के आदेश दिए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई होगी। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जलभराव की समस्या केवल प्राकृतिक नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। पिछले 11 साल में न तो नयी ड्रेनों का निर्माण हुआ और न ही पुरानी ड्रेनों की सफाई, जिसका खमियाजा आज जनता भुगत रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड, कश्मीर और गुजरात जैसे राज्यों ने राहत पैकेज घोषित कर दिए हैं, मगर हरियाणा सरकार अब तक चुप है।
सरकार तुरंत दे राहत पैकेज
कांग्रेस सांसद ने मुख्यमंत्री से मांग की कि तुरंत राहत पैकेज की घोषणा की जाए, स्पेशल गिरदावरी करवाई जाए और किसानों को कम से कम 60,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। साथ ही बाढ़ प्रभावित घरों, दुकानों और फसलों का सर्वे कर मुआवजा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि लोग पोर्टल न खुलने से परेशान हैं, इसलिए तुरंत क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया जाए।