दो दिन से लाइन में, फिर भी नहीं मिली खाद
गांव मिर्जापुर बाछौद के किसान प्रकाश सिंह, अमर सिंह और रोहताश के साथ खालड़ा गांव के भूपेंद्र व प्रदीप ने बताया कि वे पिछले दो दिनों से लगातार बिक्री केंद्र पर डीएपी खाद लेने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही। उनका आरोप है कि कुछ किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि जरूरतमंद किसान घंटों इंतजार करने के बावजूद खाली लौट रहे हैं।
किसानों ने सहकारी समितियों पर खाद वितरण में पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया है। कई किसानों ने दावा किया है कि डीएपी खाद खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है, जबकि सहकारी समितियों में वह उपलब्ध नहीं हो रही।
अधिकारियों ने खारिज की खाद की कमी
जिला में खाद वितरण की निगरानी कर रहे अधिकारी जगदीश कुमार ने बताया कि रबी फसल के लिए 3400 मीट्रिक टन यूरिया, 2050 मीट्रिक टन डीएपी, 800 मीट्रिक टन एनपीके और 500 मीट्रिक टन टीएसपी की मांग की गई है। खाद की सप्लाई जैसे-जैसे आती है, वैसे ही वितरण किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है।
हैफेड के मैनेजर प्रदीप कुमार ने भी बताया कि यदि कहीं वितरण में गड़बड़ी हो रही है तो उसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।