स्थानीय शासन को और अधिक उत्तरदायी बनाना पार्षदों का दायित्व : डॉ. यशपाल
स्थानीय शासन को और अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए शुक्रवार को ‘नगर निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व’ विषय पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें पलवल, होडल और हथीन निकायों के पार्षदों व प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन चेयरमैन डॉ. यशपाल ने किया। इसमें विशेषज्ञों द्वारा जनप्रतिनिधियों को व्यावहारिक ज्ञान, नेतृत्व रणनीतियां, प्रशासनिक ढांचा, नीति निर्माण की प्रक्रिया और स्मार्ट गवर्नेंस जैसे विषयों की जानकारी दी गई।
डॉ. यशपाल ने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच, शैली और सेवा के दृष्टिकोण को पुन: परिभाषित करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि नगर सेवाओं की समस्याओं का हल केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि स्थानीय पार्षदों की सक्रिय भागीदारी और समझदारी से ही संभव है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नेतृत्व कौशल और नैतिक शासन, नगर सेवाओं में पार्षदों की जिम्मेदारी, डेटा आधारित योजना और आईसीसीसी प्रणाली की उपयोगिता, वंचित वर्गों तक सेवाओं की पहुंच, संवाद, समाधान और सहभागिता आधारित शासन के बारे में प्रशिक्षित किया गया। डॉ. यशपाल ने कहा कि हमारे लिए यह प्रशिक्षण आत्मबल बढ़ाने और स्थानीय शासन को पुन: जागरूक बनाने का एक प्रयास है। हम सभी को बैठक में मौन बैठने के बजाय, नीति और समाधान प्रस्तुत करने की ओर अग्रसर होना होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के निरंतर प्रशिक्षण एवं संवाद कार्यक्रम नगर परिषद द्वारा आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे पार्षदगण लगातार सशक्त और सजग बने रहें।