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'एमएसएमई शिकायत निवारण बोर्ड का गठन जरूरी'

राज्य स्तरीय एमएसएमई बिजनेस समिट आयोजित

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रोहतक में सम्मेलन में व्यापारी एवं उद्योग जगत की हस्तियां के साथ मौजूद राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग। -हप्र
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राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग ने कहा कि गुरुग्राम में आयोजित राज्य स्तरीय एमएसएमई बिजनेस समिट ऐतिहासिक और अत्यंत सफल रहा, जिसमें प्रदेशभर से आए उद्यमियों, व्यापारियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लेकर उद्योग जगत की आवाज़ को सशक्त बनाया। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन ने सरकार और व्यापारी वर्ग के बीच संवाद, सुझाव और समाधान का सशक्त मंच तैयार किया है। गुलशन डंग ने कहा कि छोटे और मध्यम उद्योगों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए सरकार को एमएसएमई शिकायत निवारण बोर्ड का गठन करना चाहिए, जिससे उद्यमियों को न्याय समयबद्ध रूप में मिल सके। उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमों को आधुनिक तकनीक, डिजिटलीकरण और ब्रांडिंग में सहयोग की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को एक विशेष तकनीकी विकास मिशन शुरू करना चाहिए ताकि एमएसएमई क्षेत्र नई दिशा में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं, परंतु जमीनी स्तर पर छोटे उद्योगों को बिजली कनेक्शन, लाइसेंस और पर्यावरण मंजूरी जैसी प्रक्रियाओं में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस अवसर पर उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का लाभ केवल बड़े कॉरपोरेट्स तक सीमित रह गया है। गुलशन डंग ने कहा कि संगठन का उद्देश्य केवल व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि रोजगार, आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देना है। यह सम्मेलन सरकार और उद्योग जगत के बीच सहयोग का मजबूत

सेतु बनेगा।

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नई औद्योगिक नीति में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, स्टार्टअप प्रमोशन पर देंगे विशेष ध्यान

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सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने बताया कि डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं इस क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसएमई इकाइयों के लिए भूमि, बिजली और ऋण प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा ब्याज दरों में कमी लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। नई औद्योगिक नीति में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और स्टार्टअप प्रमोशन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे उद्योग आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बन सकें।

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