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चिटफंड कंपनियों के खिलाफ निवेशक उतरे सड़क पर, जमा पूंजी दिलाने की लगाई गुहार

राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के नाम सौंपा मांगपत्र
भिवानी में बुधवार को प्रदर्शन करते निवेशक। -हप्र
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भिवानी, 21 मई (हप्र)

विभिन्न निजी कंपनियों में निवेश करके पैसा फंसाने वाले निवेशकों ने उनके पैसे दिलवाने की मांग को लेकर आज प्रदर्शन किया। पीड़ित निवेशकों ने राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के नाम मांगपत्र सौंपते हुए उनकी जमापूंजी दिलवाने की मांग की।

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उन्होंने कहा कि पीएसीएल, आदर्श कोऑपरेटिव सोसायटी, सहारा इंडिया, किमफ्यूचर विजन सर्विस लिमिटेड, नेटर कमर्शियल स्टेट लिमिटेड, विनायक होम, कलपतरू, समृद्धि जीवन, गौपैथी स्वदेशी उद्योग सहित विभिन्न चिटफंड कंपनियों के पीड़ित निवेशकों को उनका भुगतान करवाने के उद्देश्य से बड्स एक्ट-2019 के देशभर में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कार्यालय खोले गए थे, जिसके तहत इन कार्यालयों में निवेश संबंधी दस्तावेज जमा करवाने के 180 दिनों में दो से तीन गुणा तक भुगतान का प्रावधान किया गया था।

इसी कड़ी में बुधवार को पीएसीएल सहित विभिन्न चिटफंड कंपनियों के पीडि़त निवेशक ठगी पीडि़त जमाकर्ता परिवार संगठन के बैनर तले स्थानीय चौ. सुरेंद्र सिंह मेमोरियल पार्क में एकत्रित हुए तथा उपायुक्त कार्यालय पहुंचे तथा नारेबाजी करते हुए बड्स एक्ट-2019 की अनुपालना करवाने की मांग को लेकर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के नाम मांगपत्र सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रामजस ने किया तथा अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रमेश तंवर ने की।

इस मौके पर रामजस व रमेश तंवर ने कहा कि बड्स एक्ट-2019 के तहत खोले गए कार्यालय में दस्तावेज जमा करवाने के 180 दिनों बाद दो से तीन गुणा तक भुगतान का प्रावधान किया गया था, लेकिन इस संसदीय कानून की देशभर में अनुपालना नहीं की जा रही, जिसके चलते देश के 42 करोड़ से अधिक ठगी पीडि़तों में क्षोभ पैदा हो गया है तथा वे अपनी ही मेहनत की जमा पूंजी का भुगतान न होने के कारण भय व तनाव में जीवन जीने को मजबूर हैं। मानसिक तनाव के चलते लाखों ठगी पीडि़त अब तक आत्महत्या जैसा बड़ा कदम भी उठा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि भुगतान किए जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को अनेक बार मांगपत्र सौंपे जा चुके हैं, लेकिन सरकार पीडि़त निवेशकों की समस्याओं से मुंह फेरे बैठी है। उन्होंने कहा कि ईडी, सेबी या सीबीआई द्वारा ठगी की रकम से जुटाई गई संपत्तियों को बड्स एक्ट-2019 के तहत नियुक्त सक्षम प्राधिकारियों को क्यों नही सौंपा जा रहा, यह एक गंभीर प्रश्र है, जिसे राष्ट्रपति व मुख्य न्यायधीश को सरकारों से

पूछना चाहिए।

पीडि़त निवेशकों ने मांग की कि बड्स एक्ट- 2019 के तहत नियुक्त सक्षम एवं सहायक सक्षम अधिकारियों द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर भुगतान पटल स्थापित करवाकर सभी ठगी पीड़ितों की जमापूंजी का भुगतान करवाया जाए, ताकि बढ़ती आत्महत्याओं और निवेशक, एजेंट के बीच बढ़ रहे गृहयुद्ध को रोका जा सकें।

इस अवसर पर जिला सचिव राजकुमार वर्मा, मीडिया प्रभारी राजेश बडाला, कोषाध्यक्ष पवन सिरसा घोघड़ा, सलाहकार सुखबीर, विजयपाल रोहिल्ला, सुरेश, दीपक चांग, संजय कुमार शर्मा, हरगुलाल, श्रीचंद, धर्मपाल श्योराण, प्रदीप शर्मा, बिमला हालुवास, सहित अन्य पीडि़त निवेशक मौजूद रहे।

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