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गुरुग्राम में किडनी ट्रांसप्लांट के अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश

सीएम फ्लाइंग स्क्वायड व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई

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गुरुग्राम में बृहस्पतिवार को सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम सेक्टर -39 के एक प्राइवेट होटल में अंतर्राष्ट्रीय किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले गिरोह के तथाकथित कार्यालय में छापामारी करते हुए। -हप्र
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गुरुग्राम, 4 अप्रैल (हप्र)

गुरुग्राम में अंतराष्ट्रीय स्तर के किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। सीएम फ्लाइंग स्क्वायड व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में पता चला कि मरीज व डोनर का बिना कोई ब्लड ग्रुप मिलाए ही किडनी ट्रांसप्लांट कर दी जाती थी। इस गिरोह के तार राजस्थान में जयपुर स्थित फोर्टिस अस्पताल से जुड़े हैं। बृहस्पतिवार को इस कार्रवाई में छापेमारी टीमों ने कई साक्ष्य जुटाए।

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अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट की सीएम फ्लाइंग को गुप्त सूचना मिली थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर सीएम फ्लाइंग ने सेक्टर-39 स्थित बाबिल नाम के होटल में छापेमारी की। छापेमारी में पता चला कि बांग्लादेश से किडनी डोनर को जयपुर ले जाया जाता था। वहां पर अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट कराई जाती थी। गेस्ट हाउस में किडनी ट्रांसप्लांट करा चुके व ट्रांसप्लांट कराने वाले चार डोनर व मरीज भी पकड़े गए। जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों से 10-12 लाख रुपये वसूले जाते थे। जो व्यक्ति किडनी डोनेट करता था, उसे मात्र 2 लाख रुपये ही दिए जाते थे। इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह का मुख्य आरोपी संचालक मोहम्मद अंसारी फरार है।

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आरोपियों से सीएम फ्लाइंग व गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके से पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि मोहम्मद अंसारी नामक का युवक सभी लोगों को गुरुग्राम के इस होटल में लेकर आया था। मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए जयपुर के फोर्टिस अस्पताल ले जाया जाना था। दो मरीजों को वहां से किडनी ट्रांसप्लांट करवाकर वापस लाया गया था। खास बात यह है कि किडनी ट्रांसप्लांट का यह खेल बिना मरीज व डोनर का ब्लड ग्रुप मिलाए ही खेला जा रहा था। जो कि मरीज की जान के लिए घातक है।

आरोपी मरीज व डोनर के कागजों में हेराफेरी कर देते थे। जयपुर के फोर्टिस अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत का भी अंदेशा जताया जा रहा है। इसके लिए पुलिस टीम अस्पताल जाकर जांच-पड़ताल करेगी।

गुरुग्राम के सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव ने इस मामले की पुष्टि करते हुए मीडिया से जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मौके पर मरीजों को पकड़ा गया है और उनकी मेडिकल रिपोर्ट देखी गई। इस दौरान खुलासा हुआ कि बिना कोई ब्लड ग्रुप मैच किए ही मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी।

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