बीमा कंपनी ने किसानों के दबाए 350 करोड़ : फरटिया
फरटिया ने स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि लोहारू और सिवानी के अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी है, भवन निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं और एचआईवी/एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी असुरक्षा में जी रहे हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की हालत इतनी खराब है कि लोग मामूली इलाज के लिए भी भटकते हैं।
उन्होंने पेयजल संकट को विकराल बताते हुए कहा कि बहल-सिवानी-लोहारू क्षेत्र की जर्जर पाइपलाइनें बदले बिना कोई समाधान संभव नहीं। बारिश पड़ते ही लोहारू, सिवानी और बवानी खेड़ा में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। उन्होंने स्थायी निकासी व्यवस्था और ढाणियों को जोड़ने वाली जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने की मांग की।
शिक्षा व्यवस्था पर भी उठाए सवाल
शिक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए फरटिया ने कहा कि बहल का महिला कॉलेज भवन तैयार है, लेकिन विज्ञान संकाय अब तक शुरू नहीं हुआ। शिक्षकों की कमी से बेटियां पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हैं। उन्होंने बहल को सब-डिवीजन का दर्जा देने की पुरजोर मांग की।
सड़क और यातायात पर उन्होंने कहा कि लोहारू, ढिगावा, बहल और सिवानी की बाईपास परियोजनाएं अधूरी हैं, जिससे लोग रोज़ाना जाम और हादसों से जूझ रहे हैं। बहल कस्बे में बस अड्डा तक नहीं है। उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए पुल और सर्कल निर्माण की जरूरत बताई। औद्योगिक पिछड़ेपन पर सवाल उठाते हुए विधायक ने कहा कि राजस्थान सीमा से सटा यह क्षेत्र उद्योगों का हब बन सकता है, लेकिन सरकार की बेरुखी के कारण न तो उद्योग आए, न युवाओं को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि घोषणाओं के बावजूद जमीनी स्तर पर विकास नदारद है।