गुरुग्राम को स्वच्छ और टिकाऊ शहर बनाने को लेकर अहम बैठक हुई। हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने मंगलवार को गुरुग्राम में ठोस कचरा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ अहम बैठक की। बैठक में आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि, बल्क वेस्ट जनरेटर्स, ठोस कचरा प्रबंधन एजेंसियां, निगम पार्षद व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में ठोस कचरा प्रबंधन ड्राफ्ट उप-नियम 2025 पर विस्तार से चर्चा की गई। गुप्ता ने कहा कि इन उप-नियमों का उद्देश्य कचरा प्रबंधन प्रणाली को वैज्ञानिक, पारदर्शी और टिकाऊ बनाना है। इससे कचरे के पृथक्करण, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी शहरी निकाय ‘शून्य कचरा शहर’ की दिशा में कार्य करें।
गुरुग्राम को स्वच्छ बनाने पर मेयर के साथ चर्चा
मेयर राजरानी मल्होत्रा ने नागरिकों से शहर को स्वच्छ और बेहतर बनाने में सहयोग की अपील की। नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि नए उप-नियम स्वच्छता व्यवस्था को नई दिशा देंगे और नागरिकों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
अतिरिक्त आयुक्त यश जालुका ने बताया कि उप-नियमों में नागरिकों को कचरे को गीला, सूखा व हानिकारक श्रेणियों में पृथक करने की जिम्मेदारी दी गई है। जिन परिसरों से बड़ी मात्रा में गीला कचरा निकलता है, उन्हें परिसर में ही कम्पोस्टिंग या बायोगैस प्लांट लगाना होगा।
नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए जीपीएस युक्त वाहन लगाए जाएंगे। संकरी गलियों के लिए छोटे वाहन और चयनित स्थलों पर एमआरएफ यूनिट्स तथा द्वितीयक संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे कचरा पृथक्करण और जिम्मेदार निस्तारण में सक्रिय सहयोग करें।
साहस एनजीओ की सोनिया गार्गा ने बिल्डरों को स्टेकहोल्डर मानने का सुझाव दिया। ‘मेकिंग मॉडल गुरुग्राम’ से गौरी सरीन ने बायलॉज को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता बताई।