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आयुष्मान कार्ड को लेकर आईएमए डॉक्टरों की बैठक, सरकार को अल्टीमेटम

भुगतान में देरी पर अस्पताल संचालकों का विरोध
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आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के भुगतान में देरी और पात्रता में गड़बडिय़ों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सोनीपत के चिकित्सकों ने बैठक कर सरकार को अल्टीमेटम दिया है। डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि जब तक योजना के तहत बकाया भुगतान नहीं किया जाता, तब तक निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज संभव नहीं होगा।

आईएमए सचिव डॉ. सौरभ ने बताया कि बैठक में सामने आया है कि निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के जरिए किए गए इलाज का करीब 80 फीसदी भुगतान अब तक बकाया है। लगातार भुगतान में देरी के कारण अस्पतालों पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा है और कई जगह उपचार सेवाएं ठप हो गई हैं। आयुष्मान कार्ड के पात्रता सर्वे में गंभीर खामियां हैं, जिसके चलते वास्तव में जरूरतमंदों की बजाय गलत लोग योजना का फायदा उठा रहे हैं। आईएमए ने मांग की कि सरकार नए सिरे से पात्रता का सर्वे कराए ताकि लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे।

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डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही बकाया राशि जारी नहीं की और पात्रता सूची में सुधार नहीं किया तो निजी अस्पताल योजना से पूरी तरह अलग होने पर मजबूर होंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि एबी-पीएमजेएवाई पोर्टल पर नए पंजीकरण को निलंबित किया जाएगा और रोजाना स्थिति का अपडेट दिया जाएगा। सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि किसी एक भी पैनल वाले अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो सभी सदस्य अस्पताल संचालक सामूहिक रूप से योजना से सरेंडर कर देंगे।

पैनल अस्पतालों के बीच अनुपालन और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यकारी समिति का गठन किया गया है, जो सभी पर निगरानी रखेगी और किसी अस्पताल के साथ गलत होने पर एकजुट होकर विरोध करेगी।

 

 

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