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म्यूटेशन अटकी तो कोर्ट सख्त, तहसीलदार और नायब तहसीलदार की सरकारी गाड़ी जब्त

निर्देशों की अवमानना का खमियाजा
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गांव गढ़ी सिसाना की रहने वाली मूर्ति देवी अपनी ही जमीन की दाखिल खारिज (म्यूटेशन) करवाने के लिए कई महीनों से तहसील के चक्कर काट रही थीं। बार-बार आवेदन, अधिकारियों से मुलाकात और दस्तावेज़ों की जांच सब कुछ पूरा करने के बाद भी म्यूटेशन नहीं हुई। आखिरकार परेशान होकर मूर्ति देवी ने कोर्ट का सहारा लिया।

11 सितंबर, 2025 को खरखौदा के सिविल जज विक्रांत ने मामले की सुनवाई कर तहसीलदार को स्पष्ट और तत्काल प्रभाव से म्यूटेशन एंट्री करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेशों के बावजूद जब हफ्तों तक कोई प्रगति नहीं हुई, तो मूर्ति देवी दोबारा कोर्ट पहुंचीं।

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दूसरी सुनवाई में कोर्ट का रुख और भी कड़ा हो गया। जज विक्रांत ने तहसील प्रशासन की देरी और आदेशों की अनदेखी पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘अदालत के निर्देशों की अवमानना किसी भी अधिकारी को महंगी पड़ेगी।’ कोर्ट ने तत्काल म्यूटेशन करने के निर्देश तो दिए ही, साथ ही अवमानना के रूप में बड़ा कदम उठाते हुए तहसीलदार और नायब तहसीलदार की सरकारी गाड़ी जब्त कर पुलिस थाने में खड़ी करवाने का आदेश जारी कर दिया।

इस आदेश ने पूरे तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। उधर, नायब तहसीलदार अचिन का कहना है कि उनकी पोस्टिंग हाल ही में हुई है। उन्हें इस मामले का पता नहीं था और वैसे भी वह पिछले कुछ दिनों से ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में ड्यूटी करने की वजह से व्यस्त चल रहे हैं। अब जल्दी ही इस कार्य को करेंगे। मूर्ति देवी मामले की पूरी फाइल लेकर आने के निर्देश संबंधित पटवारी को दिए गए हैं।

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