गैंगस्टर, हिंसा या हथियार संस्कृति पर गीत बनाए तो नपेंगे कलाकार
गुरुग्राम, 30 मई (हप्र)
गैंगस्टर संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गीतों पर रोक लगाने के लिए सरकार के निर्णय के बाद अब एसटीएफ हरियाणा भी सक्रिय हो गई है। शुक्रवार को यहां एसटीएफ अधिकारियों ने हरियाणवी संगीत कलाकारों के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता एसटीएफ के महानिरीक्षक ने की। इस दौरान एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक, उपपुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में एसटीएफ के महानिरीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि हरियाणवी संगीत कलाकारों द्वारा कुछ गीतों के माध्यम से अपराध, हथियार संस्कृति, ड्रग्स का उपयोग तथा कानून विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए हाल ही में कुछ गीतों को यूट्यूब एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाया गया है। आईजी एसटीएफ ने कलाकारों को स्पष्ट कहा कि हरियाणा पुलिस रचनात्मक स्वतंत्रता का सम्मान करती है, किंतु इसका दुरुपयोग समाज में अपराध, हिंसा या कानून विरोधी प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करने में नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलाकार जिम्मेदार नागरिक के रूप में कार्य करें और ऐसा कंटेंट न बनाएं जो नकारात्मक प्रभाव डालता है।
आईजी ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि कोई सामग्री गैंगस्टरवाद, हिंसा या हथियार संस्कृति को बढ़ावा देती पाई गई तो संबंधित कलाकार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मौजूद रहे हरियाणवी संगीत जगत के गायकों एवं संगीतकारों अमित सैनी रोहतकिया, मुकेश जाजी, नरेंद्र भगाना, कोमल, अंजलि, अंकित मुरलिया, मोहित माजरिया, अमनराज गिल, आदित्य भगाना, मीना जीजा और डी-नवीन व अन्य कलाकारों से महानिरीक्षक ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति के गीत बनाएं और गाएं। अपराध की संस्कृति वाले गीतों से परहेज करें। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे गीतों से अपराध को बढ़ावा मिलता है।
बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई, उनमें एसटीएफ द्वारा कलाकारों को जानकारी दी गई कि हाल ही में कुछ गीतों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटाया गया है, क्योंकि उनमें गैंगस्टर्स का महिमामंडन, ड्रग्स का उपयोग और कानून का विरोध दिखाया गया है। इन गीतों का सोशल मीडिया पर आपराधिक तत्वों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे युवाओं को अपराध की ओर आकर्षित किया जा रहा है।
कुछ गीतों में कुख्यात गैंगस्टर्स के नाम लेकर उनके कृत्यों को गौरवशाली दिखाने का प्रयास किया गया, जोकि सार्वजनिक भय और अपराधिक छवि को बढ़ावा देता है।