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‘डिग्री से नहीं, कौशल व मूल्यों से बनती है पहचान’

मानव रचना में ओरिएंटेशन प्रोग्राम दीक्षारंभ-2025 का शुभारंभ
फरीदाबाद के मानव रचना में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में मौजूद एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. डा. टीजी सीतारम व अन्य। -हप्र
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मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज ने अपने वार्षिक ओरिएंटेशन कार्यक्रम दीक्षारंभ-2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. डाॅ. टीजी सीतारम ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए भारत में उच्च शिक्षा की दिशा और विकास पर मार्गदर्शन किया।

उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक पढ़ाई की सीमाओं से आगे बढ़कर शिक्षा को एक परिवर्तनकारी अनुभव के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा कि दीक्षारंभ केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, यह ज्ञान, नवाचार और राष्ट्रनिर्माण की कालातीत यात्रा की आत्मिक शुरुआत है। आज के बदलते दौर में केवल डिग्री नहीं, बल्कि कौशल, मूल्य और अनुकूलन क्षमता ही भविष्य की पहचान बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय भारत में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात मात्र एक प्रतिशत था। आज यह बढ़कर 29 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जिसमें 4.5 करोड़ से अधिक विद्यार्थी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं। अगले 10 वर्षों में यह आंकड़ा 9 करोड़ तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि यह विस्तार केवल आकार में नहीं, बल्कि शिक्षा तक पहुंच, संरचनात्मक सहजता और उद्देश्य की स्पष्टता में भी एक बड़े बदलाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में शैक्षणिक सत्र (2025-26) के लिए आरंभ किए गए अनेक कोर्स और वैश्विक साझेदारियों को भी प्रस्तुत किया गया।

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इनमें बीटेक ऑनर्स इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइज़ेशन इन सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और डिफेंस टेक्नोलॉजी, बी.कॉम ऑनर्स इन फिनटेक इन कोलैबोरेशन विद डेलॉइट और जेल एजुकेशन तथा एमबीए इन बिजऩेस इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स विद एसएएस जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।

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