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गुरूग्राम में ‘हिट एंड रन’ केस, परिजनों ने पुलिस आयुक्त से की मुलाकात

गुरुग्राम, 25 जून (हप्र) गुरुग्राम में दो माह पूर्व हिट-एंड-रन केस में फरीदाबाद निवासी एक 20 वर्षीय छात्र देवांश शर्मा ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। परिजनों का आरोप है कि घटना को अंजाम देने वाले को बचाने के...

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गुरुग्राम, 25 जून (हप्र)

गुरुग्राम में दो माह पूर्व हिट-एंड-रन केस में फरीदाबाद निवासी एक 20 वर्षीय छात्र देवांश शर्मा ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। परिजनों का आरोप है कि घटना को अंजाम देने वाले को बचाने के लिए डीएलएफ फेस-वन पुलिस के एसएचओ और जांच अधिकारी ने केस को तोड़ मरोड़ कर कोर्ट में चालान पेश किया है। इसकी शिकायत आज पीड़ित के परिजनों, युवा अनशनकारी अभिषेक गोस्वामी व लिव फॉर नेशन के संस्थापक अनिल कौशिक, खेमचंद गोयल, लाखन सिंह के साथ गुरूग्राम पुलिस के आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा से मुलाकात कर की।

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पीड़ित परिवार ने आरोप कि उन्होंने अपने इकलौते बेटे की गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस को लिखकर दिया था कि अपने बेटे की स्थिति में सुधार होने पर ही वह पुलिस कार्यवाही करेंगे परंतु जांच अधिकारी ने बिना इन्तजार कर खुद ही लिखे झूठे बयान कोर्ट में पेश कर आरोपी को बचाने का कार्य किया है। अपनी तेज रफ्तार कार से टक्कर मारकर भागने वाले आरोपियों को गिरफ्तार भी नहीं की गई है। कोर्ट से चालान की कॉपी मिलने के बाद ही पीड़ित परिवार को इन सब बातों की जानकारी हुई।

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परिजनों ने पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को लिखित शिकायत दी और सबूतों के आधार पर घटना की जांच दोबारा से कराकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने जांच अधिकारी के खिलाफ सरकारी सेवा शर्तों के अनुरूप न चलने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की भी मांग की। और भी कई सबूतों को पुलिस आयुक्त के सामने रखा गया जिस पर उन्होंने दोबारा से निष्पक्ष जांच के आदेश डीएलएफ एसीपी को दे दिए है।

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