बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सनातनियों की एकता से ही हिंदू राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि भविष्य में पूरे विश्व में हिंदू सुरक्षित और संगठित रहें। इसके लिए संगठन और एकता अनिवार्य है। पदयात्रा के माध्यम से यही संदेश जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि जब तक तन में प्राण हैं, तब तक भारत और सनातन धर्म के लिए कार्य करते रहेंगे। सनातनी न कभी डरे हैं और न पीछे हटेंगे। ईश्वर की कृपा और सनातन समाज के आशीर्वाद से यह यात्रा पूरी होगी और हिंदुओं में एकता स्थापित करके ही मानेंगे। शास्त्री ने कहा कि सीमा पर जवान और खेत में किसान ही असली हीरो हैं, देश की शक्ति इन्हीं दो स्तंभों पर टिकी है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हम अपने बच्चों को सच्चा सनातनी बनाएं।‘सनातन एकता पदयात्रा’ के छठे दिन बुधवार को पलवल के औरंगाबाद-तुमसरा में यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस दौरान क्षेत्र के भाजपा विधायक हरेंद्र रामरतन ने समर्थकों सहित बाबा बागेश्वर का स्वागत किया। उन्होंने शक्ति रूपक गदा भेंट की और बृज संस्कृति से ओत-प्रोत पटका पहनाकर उनका सम्मान किया।विधायक हरेंद्र रामरतन ने कहा कि बागेश्वर महाराज सभी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहे हैं, यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है। श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति ने यह सिद्ध कर दिया है कि सनातन संस्कृति केवल विरासत नहीं, बल्कि जीवन का आधार और राष्ट्र की आत्मा है।दिल्ली से चलकर वृंदावन धाम तक जा रही यह पदयात्रा बुधवार को औरंगाबाद-तुमसरा से प्रारंभ होकर सराय-खटैला, मुंडकटी होते हुए कवियों की नगरी बंचारी पहुंची, जहां दोपहर का विश्राम हुआ। देर शाम यह यात्रा होडल पहुंची। पूरे मार्ग में जय श्रीराम के उद्घोष, ढोल-नगाड़े और भजन-कीर्तन से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय रहा।शास्त्री सड़कों पर बैठकर ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाते दिखे। उन्होंने सभी से सनातन एकता पदयात्रा का समर्थन करने की अपील की। बिहार से आई लगभग 90 वर्षीया इंदू देवी ने धीरेंद्र शास्त्री को दुलारते हुए आशीर्वाद दिया। वहीं पलवल निवासी दिव्यांग युवक कर्मवीर को उन्होंने स्वयं बुलाकर आशीर्वाद दिया।दिल्ली हादसे के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पदयात्रा के दौरान तीन अतिरिक्त पुलिस कंपनियां लगाई गई हैं और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तथा सुरक्षा बलों की निगरानी बनी हुई है।