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भारी भरकम हाउस टैक्स ने आमजन को थकाया

लोगों की समस्याओं व शिकायतें दूर करने की बजाए नगर परिषद लोगों के लिए परेशानियों की केन्द्र बन गई है। हजारों लोग अपनी जायदाद की आईडी ठीक कराने के लिए महीनों भटकते रहे। अब नगर परिषद ने लोगों को भारी...
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लोगों की समस्याओं व शिकायतें दूर करने की बजाए नगर परिषद लोगों के लिए परेशानियों की केन्द्र बन गई है। हजारों लोग अपनी जायदाद की आईडी ठीक कराने के लिए महीनों भटकते रहे। अब नगर परिषद ने लोगों को भारी भरकम और गलत हाउस टैक्स बिल थमाकर एक बार फिर मुसीबत में डाल दिया है। बता दें कि हाल ही में हाउस टैक्स (सम्पत्ति कर) जमा कराने के लिए नगर परिषद ने मालिकों के मोबाइल फोन पर मैसेज भेजे हैं। मैसेज में अंकित देय राशि देखकर उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जिनकी जायदाद का वार्षिक हाउस टैक्स 200-400 रुपये होता है, उन्हें 5 से 10 हजार रुपये तक के बिल भेज दिये गए हैं। इनमें कई साल का बकाया दिखाकर भारी भरकम ब्याज भी लगाया गया है। नप द्वारा 31 जुलाई तक बिल जमा कराने पर 10 प्रतिशत टैक्स में छूट दी गई है। हाउस टैक्स को ठीक कराने के लिए अब लोग दोबारा नगर परिषद की ओर दौड़ रहे हैं। नप के एक कर्मचारी ने कहा कि आपके पास पिछले जमा कराये हुए बिलों की रसीद नहीं है तो भेजे गए नये बिल की देय राशि को ही अदा करना होगा। नप में कतार में खड़े ऐसे अनेक लोगों ने बताया कि पिछले बिलों की रसीद गुम हो गई है। इससे साफ पता चलता है कि नप अधिकारी व कर्मचारी अपना रिकार्ड अपडेट करने में विफल रहे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। मंगलवार को हाउस टैक्स जमा कराने के लिए कतार में महिलाएं, बुजुर्ग, दिव्यांग घंटों से खड़े थे। लेकिन सीट पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं थी। कमरे में लाइट व पंखें तक का इंतजाम नहीं है। भीषण गर्मी में लोग कर्मचारी के आने का इंतजार करते रहे। कतार में खड़े सतेन्द्र कुमार, नवीन कुमार, रमेश, नरेश ने कहा कि वे कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं। कभी सर्वर डाउन तो कभी लाइट गुल होने की बात कही जाती है। वे पिछले 10 दिनों से चक्कर काट रहे हैं। कोई अधिकारी व कर्मचारी सुनवाई करने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि हाउस टैक्स के भारी भरकम बिल ठीक कराने में 31 जुलाई बीत जाएगी और उन्हें दी गई छूट का लाभ भी नहीं मिलेगा। इस बारे में जिला नगरायुक्त (डीएमसी) के पीए ने कहा कि साहब मीटिंग में है। इसी तरह नप के कार्यकारी अधिकारी भी मीटिंग में मिले। आखिर में लोग बिलों को ठीक व जमा कराये बिना बैरंग लौट गए।

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