स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर एन.एच.एम. कर्मचारी चौथे दिन आज सुबह स्थानीय नागरिक अस्पताल कैम्पस में कार्य का बहिष्कार करते हुए एकत्रित हुए और सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी के विरूद्ध नारेबाजी की। सभा की अध्यक्षता करते...
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स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर एन.एच.एम. कर्मचारी चौथे दिन आज सुबह स्थानीय नागरिक अस्पताल कैम्पस में कार्य का बहिष्कार करते हुए एकत्रित हुए और सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी के विरूद्ध नारेबाजी की। सभा की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष डाॅ. पुष्पेंद्र ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमन्त्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 2 नवंबर, 2021 को एन.एच.एम. कर्मचारियों द्वारा कोरोना कॉल में की गई सेवा के एवज में सातवां वेतन देने की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई थी, परंतु 3 वर्ष 9 महीने बीत जाने पर अभी तक सातवां वेतन लागू नहीं किया गया है। अधिकारियों द्वारा बार-बार इसी सातवें वेतन आयोग से वंचित रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, उन्ही हथकंडों मे कर्मचारियों के चार माह के वेतन भुगतान रोकना भी शामिल है। एन.एच.एम. कर्मचारी अशोक ने बताया कि भाजपा सरकार के शासन कॉल में ही एन.एच.एम. कर्मचारियों पर वित विभाग, श्रम विभाग द्वारा स्वीकृति उपरांत सेवा नियम लागू किए गए थे, परंतु आज वही वित विभाग केन्द्रीय परियोजना के कर्मचारी बताकर सेवा नियम फ्रीज करने की बात कर रहा है। संघ के जिला मंत्री विनोद राव ने कहा कि एन.एच.एम. कर्मचारियों की मांगों बिना कोई विलम्ब किये पूर्ण करें तथा रुके हुए वेतन को तुरन्त जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश समिति के निर्णय के अनुसार मांगों को लेकर सांकेतिक आंदोलन के तौर पर 11 अगस्त से 14 अगस्त तक प्रतिदिन 2-2 घंटे कार्य का बहिष्कार किया गया है। यदि सरकार द्वारा मांगों के प्रति कोई ठोस कदम नही उठाया जाता है तो संघ की प्रदेश समिति जल्दी ही चरणबद्ध आन्दोलन को आगे बढाते हुए आंदोलन की अगामी गतिविधि घोषित कर दी जाएगी। इस मौके पर प्रदेश सचिव हरकेश, लोकेश शर्मा, सन्जू, अशोक जांगड़, ज्योत्सना, मीना देवी, हेमलता आदि मौजूद थे।
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