शिक्षक तबादला नीति में 15 साल की ब्लॉक शर्त पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने जताया ऐतराज
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शिक्षा विभाग द्वारा नई तबादला नीति के ड्राफ्ट पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
संघ ने सरकार से मांग की है कि ब्लॉक में 15 वर्ष की सेवा की अनिवार्य शर्त को तुरंत हटाया जाए और रशनलाइजेशन प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाकर अतिशीघ्र तबादले किए जाए। संघ के जिला प्रधान अजीत राठी और जिला सचिव सुमेर सिंह आर्य ने बताया कि 28 नवंबर 2025 को जारी ड्राफ्ट में कई खामियां हैं।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग हर सत्र में तबादलों का दावा करता है, लेकिन 2016 में ऑनलाइन नीति लागू होने के बाद से केवल तीन बार (2017, 2019, 2022) ही तबादले हुए हैं। स्थिति यह है कि जेबीटी शिक्षकों के तबादले 2016 के बाद से अब तक नहीं हो पाए हैं, जो बेहद निराशाजनक है।
उन्होंने आरोप लगाया कि फरवरी 2025 में लिए गए सुझावों को दरकिनार कर सरकार ने नीति में प्रतिगामी बदलाव किए हैं। उन्होंने तकनीकी पेंच उजागर करते हुए कहा कि एक ही ब्लॉक में 15 साल की सेवा की शर्त न तो शिक्षकों के हित में है और न ही छात्रों के। इससे जिला मुख्यालय के शिक्षकों का अन्य ब्लॉकों में समायोजन मुश्किल हो जाएगा। पदों को कैप्ट रखने की नीति से स्कूलों में रिक्तियां बनी रहेंगी।
शिक्षक तबादला नीति के अलावा अन्य मांगें
संघ ने नीति को व्यावहारिक बनाने के लिए प्रमुख मांगें रखी है, जिसमें ब्लॉक में 15 वर्ष की शर्त हटे, किसी भी पद को कैप्ट न रखा जाए और खाली पदों पर नियमित भर्ती हो, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग शिक्षकों को सिविल सर्जन के प्रमाण पत्र पर समान अंक मिलें, जेबीटी और सी एंड वी कैडर का अंतर-जिला तबादला ड्राइव पहले चलाया जाए, मोरनी, हथीन और नूंह क्षेत्र के शिक्षकों को बिना भेदभाव दुर्गम भत्ता मिले आदि है।
नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि इन सुझावों को मानकर नीति में सुधार नहीं किया गया, तो संगठन इसके विरोध में आगामी रणनीति तैयार करेगा।
