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Haryana-नगर परिषद की अरबों की ग्रीन बेल्ट हड़प गए लोग

स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे उसकी जमीन पर अवैध कब्जे
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जींद की गांधी नगर कॉलोनी में जेडी-7 के साथ की ग्रीन बेल्ट पर किये गये अवैध कब्जे। -हप्र
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जसमेर मलिक/हप्र

जींद, 16 जनवरी

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जींद की गांधीनगर कॉलोनी और विवेकानंद नगर में अरबों रुपए कीमत की नगर परिषद की ग्रीन बेल्ट की जमीन पर दर्जनों लोगों ने अतिक्रमण कर पूरी ग्रीन बेल्ट हड़प ली है। इन अवैध कब्जों से जेडी-7 पर बनी सड़क की सुंदरता बर्बाद हो गई है, तो नगर परिषद को अरबों रुपए कीमत की जमीन से हाथ धोना पड़ रहा है।

कई दशक पहले जींद की गांधीनगर कॉलोनी और जींद के पुराने बस स्टैंड के बीच से जेडी-7 नाम से रजबाहा निकलता था। इस राजबाहे से जींद और हैबतपुर के गांव के साथ-साथ आगे जाकर बीड़ बड़ा वन और रामगढ़ ढाणी जैसे गांवों के खेतों की जमीन को सिंचाई का नहरी पानी मिलता था। इनेलो शासन में जेडी-7 को डिनोटिफाई कर दिया गया था। बाद में यह जमीन सिंचाई विभाग से लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर हो गई थी। इस पर लोक निर्माण विभाग ने करोड़ों रुपए की लागत से सड़क का निर्माण करवाया है। इस सड़क को जींद का मिनी बाईपास रोड भी कहा जाता है, जो शहर के सफीदों रोड को गोहाना रोड और आगे रोहतक रोड तथा भिवानी रोड से जोड़ता है।

जिन लोगों के मकान या कमर्शियल संस्थान जेडी- 7 पर हैं, उन्होंने इसकी पूरी ग्रीन बेल्ट पर पक्के अवैध निर्माण कर लिए हैं। यह अवैध निर्माण अब पक्की सड़क को कई जगह टच कर गए हैं। यहां दोमंजिला बिल्डिंग तक कुछ लोगों ने ग्रीन बेल्ट पर बना ली हैं। कुछ निजी अस्पतालों ने पूरी ग्रीन बेल्ट को अस्थाई अतिक्रमण कर अपने परिसर में मिला लिया है। गांधीनगर कॉलोनी और विवेकानंद नगर में इस समय जमीनों के रेट एक लाख रुपए प्रति वर्ग गज तक तो रिहायशी मकानों के हैं। जेडी- 7 के साथ लगती कमर्शियल महत्व की जमीन की बात की जाए तो जमीनों के रेट 2 लाख रुपए प्रति वर्ग गज से भी ज्यादा हैं। ग्रीन बेल्ट की 15 फुट से लेकर 18 फुट तक की सारी जमीन लोगों ने हड़प ली है।

नप कार्यालय से 20 गज दूरी पर अवैध कब्जे

नगर परिषद का कार्यालय गांधीनगर कॉलोनी में है। इस कार्यालय से महज 20 गज दूर नगर परिषद की जमीन पर अवैध कब्जों और अतिक्रमण का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो लगभग 1 किलोमीटर तक चला जाता है। हैरानी की बात है कि नगर परिषद की अरबों रुपए कीमत की ग्रीन बेल्ट की जमीन कुछ लोग हड़प गए, लेकिन नगर परिषद को इसकी भनक नहीं लगी, या फिर नगर परिषद प्रशासन ने सब कुछ देखते हुए भी अनदेखा कर दिया है।

मामला जानकारी में नहीं, करवाएंगे जांच : कार्यकारी अधिकारी

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ऋषिकेष चौधरी का कहना है कि नगर परिषद की जमीन पर इस तरह के अवैध कब्जों और अतिक्रमण का मामला उनके नोटिस में नहीं है। वह कार्यालय में आते ही अधिकारियों को मौके पर भेज कर जांच करवाएंगे और अतिक्रमण तथा अवैध कब्जे हटाए जाएंगे।

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