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Haryana News : रेवाड़ी के नरेंद्र सिंह ने -52 डिग्री तापमान में विनसन मैसिफ पर लहराया तिरंगा

अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर हासिल की जीत
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अंटार्टिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मैसिफ पर तिरंगा लहराते नरेन्द्र यादव। -हप्र
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रेवाड़ी, 26 दिसंबर (हप्र)

रेवाड़ी के गांव नेहरूगढ़ के युवा पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव ने अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी विनसन मैसिफ पर्वत (4892 मीटर) को फतेह कर तिरंगा लहराया। यह चोटी फतेह कर नरेन्द्र ने जहां सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने का सपना पूरा कर लिया है, वहीं देश के पहले युवा पर्वतारोही होने का रिकार्ड भी कायम किया है।

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जानकारी देते नरेन्द्र यादव ने कहा कि 25 दिसंबर को उन्होंने चोटी विनसन मैसिफ को फतेह किया था। इस समय पर्वत का तापमान लगभग -52 डिग्री सेल्सियस चल रहा था। इस अभियान में बेस कैम्प से चोटी तक पहुंचने में 6 दिन का समय लगा।

अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल हुए थे। इस अभियान में उसने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने स्पॉन्सर का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अशोक मिंडा ने एक साधारण किसान परिवार के बच्चे की काबिलियत को समझा।

सेना में सेवारत कृष्णचंद के बेटे नरेंद्र का सभी सात महाद्वीपों को फतेह कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपनी छाप छोड़ने का सपना पूरा हुआ। नरेंद्र ने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतेह कर कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।

उन्होंने 2012 में बेसिक्स ऑफ माउंटेनियरिंग, 2013 में एडवांस, 2015 में एमओआई (मेथड्स ऑफ इंस्ट्रक्शन) और 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू समेत सभी प्रमुख पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरे किए हैं।

नरेंद्र ने 2016 और 2022 दोनों ही बार बिना किसी अनुकूलन के सिर्फ छह दिनों में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। उन्होंने माउंट किलिमंजारो को चार बार, माउंट एल्ब्रस को दो बार ट्रैवर्स के जरिए और माउंट कोसियसको सहित ऑस्ट्रेलिया की दस सबसे ऊंची चोटियों पर तीन बार फतेह हासिल की है।

इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकॉनकागुआ और उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर भी फतेह की है। नरेंद्र की पर्वतारोहण यात्रा 12 वर्ष की आयु में उनके स्कूल के दिनों में शुरू हुई, जब उन्होंने जम्मू और कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू किया।

उन्होंने 2008 में नियमित रूप से पर्वतारोहण का अभ्यास करना शुरू किया था। 19 वर्ष की आयु में वे 6,512 मीटर ऊंची भागीरथी-2 और 5,612 मीटर ऊंची डीकेडी-2 पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे। उन्होंने कालिंदी दर्रा, वासुकी ताल दर्रा को भी सफलतापूर्वक पार किया और लेह और गढ़वाल में चोटियों पर चढ़े।

विश्व सम्राट का मिल चुका सम्मान

नरेंद्र को विभिन्न वैश्विक रिकॉर्ड संस्थानों द्वारा विश्व सम्राट के रूप में सम्मानित किया गया है और उन्होंने पर्वतारोहण में 22 प्रभावशाली विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। इस चढ़ाई को पूरा करके, वह सात शिखरों को प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष पर्वतारोही बन गए हैं।

वर्तमान में, सात शिखरों को पूरा करने का रिकॉर्ड एक पर्वतारोही के पास है, जिसकी उम्र 34 वर्ष, 7 महीने और 16 दिन थी। नरेन्द्र का लक्ष्य 30 वर्ष और 10 दिन की आयु में इस रिकार्ड को तोड़ दिया है तथा यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल कर विश्व के पहले युवा पुरुष पर्वतारोही बन गए हैं।

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