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गुरुग्राम के युवक की रेवाड़ी अस्पताल में मौत, परिजनों ने काटा बवाल

तरुण जैन/हप्र रेवाड़ी, 14 मई गुरुग्राम से रेवाड़ी के प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने आये एक 30 वर्षीय युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मौत का जिम्मेदार डाक्टरों को बताते हुए परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया।...
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रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में जितेन्द्र की मौत के बाद हंगामा कर रहे परिजनों को समझाते हुए एसएचओ।-हप्र
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तरुण जैन/हप्र

रेवाड़ी, 14 मई

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गुरुग्राम से रेवाड़ी के प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने आये एक 30 वर्षीय युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मौत का जिम्मेदार डाक्टरों को बताते हुए परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। युवक का विवाह मात्र 21 दिन पूर्व ही हुआ था। इस मौत से पूरा परिवार सदमे में है और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

हंगामे की सूचना मिलते ही मॉडल टाउन थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। गुरुग्राम के गांव कन्हई के युवक जितेन्द्र कुमार का विवाह 21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की युवक के साथ हुई थी। विवाह धूमधाम से मनाया गया और अपनी शादी में जितेन्द्र एक वीडियो में डांस करता दिखाई दे रहा है। वह पिछले कई सालों से उबर कंपनी में वेंडर के तौर पर काम करता था। उसका काम गाड़ियों व ड्राइवरों को कंपनी से अटैच कराने का था। उसके पेट में तेज दर्द उठा तो परिजन उसे उपचार के लिए 13 मई को रेवाड़ी ले आए और यहां आजाद चौक स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया। चाचा रमेश ने बताया कि जितेन्द्र की पित्त की थैली में पत्थरी थी जिसके कारण उसके पेट में दर्द उठता था। 13 मई को उसके पेट में जब तेज दर्द उठा तो उसे रेवाड़ी लेकर आये थे। उन्होंने कहा कि इस प्राइवेट अस्पताल में उनके परिवार के सदस्य पहले भी ऑपरेशन करवा चुके थे इसलिये इस अस्पताल पर उन्हें भरोसा था।

उन्होंने कहा कि जितेन्द्र को जब अस्पताल में लेकर आये तो डाक्टरों ने कुछ टेस्ट करवाए और टेस्ट रिपोर्ट को देखकर डाक्टरों ने बताया के जितेन्द्र की नस ब्लॉक है व उसका उपचार किसी दूसरे अस्पताल में कराना होगा। उन्होंने कहा कि डाक्टरों की सलाह के अनुसार उन्होंने मंगलवार को ही जितेन्द्र को बावल रोड स्थित दूसरे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया और डाक्टरों टेस्ट रिपोर्ट देखी। लेकिन यहां से डाक्टरों ने उसे फिर से पहले वाले अस्पताल में भेज दिया। चाचा रमेश ने आरोप लगाया कि आजाद चौक स्थित अस्पताल में जितेन्द्र को रखा गया और उसे संभवत: ओवरडोज दे गई जिसके कारण वह बेहोशी हालत में पहुंच गया। मंगलवार शाम तक डाक्टरों ने जितेन्द्र की हालत के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दिया और रात 11 बजे उसे मृत घोषित कर दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि डाक्टरों की लापरवाही के कारण जितेन्द्र की मौत हुई। बुधवार को सारे परिजन अस्पताल पहुंचे और डाक्टरों के खिलाफ रोष व्यक्त किया और शव को लेने से इनकार कर दिया। सूचना पाकर शहर थाना पुलिस के प्रभारी रतन लाल भी मौके पर पहुंच गए। तत्पश्चात डाक्टरों के एक बोर्ड के द्वारा मृतक जितेन्द्र के शव का पोस्टमार्टम नागरिक अस्पताल में कराया गया। थाना प्रभारी ने परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। तत्पश्चात परिजन शव को लेकर गांव कन्हई के लिए रवाना हो गए।

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