Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Gurugram: केंद्रीय मंत्री राव बोले- रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सिर्फ कागजों में, जांच करें अधिकारी

Gurugram News: केंद्रीय योजना एवं सांख्यिकी राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बड़े रिहायशी प्रोजेक्ट्स और औद्योगिक इकाइयों में जल संरक्षण के नियमों की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सख्त...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
बैठक करते केंद्रीय मंत्री राव। हप्र
Advertisement

Gurugram News: केंद्रीय योजना एवं सांख्यिकी राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बड़े रिहायशी प्रोजेक्ट्स और औद्योगिक इकाइयों में जल संरक्षण के नियमों की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाए हैं, लेकिन उनकी वास्तविक पालना नहीं हो रही है।

गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटिन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) की हालिया बैठक में केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से ‘ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट’ (ओसी) से संबंधित प्रावधानों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बिल्डर और हाउसिंग सोसाइटियां ओसी प्राप्त करने से पहले कागजों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिखाते तो हैं, लेकिन प्रमाण पत्र मिलने के बाद उनका संचालन बंद कर देते हैं। यही स्थिति औद्योगिक इकाइयों की भी है।

Advertisement

बैठक में अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि जल संरक्षण के उपाय केवल दिखावे तक सीमित रह जाते हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अधिकारियों ने बताया कि नियमों के अनुसार हुड्डा सेक्टरों में डेढ़ सौ गज से बड़े मकानों में और सभी हाउसिंग सोसाइटियों व औद्योगिक प्रोजेक्ट्स में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है। लेकिन अधिकांश जगह यह सिस्टम या तो काम ही नहीं करता या कागजों तक सीमित रहता है।

राव इंद्रजीत सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यह क्षेत्र भूमिगत जल स्तर के लिहाज से ‘डार्क जोन’ की ओर बढ़ रहा है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर साल दो बार हाउसिंग सोसायटियों और औद्योगिक प्रोजेक्ट्स की नियमित जांच होनी चाहिए और जहां नियमों का उल्लंघन हो, वहां सख्त कार्रवाई की जाए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अनदेखी करने वालों को दंडित किया जाए ताकि भविष्य में कोई भी इकाई जल संरक्षण को हल्के में न ले। उन्होंने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण केवल कागजों तक सीमित न रहकर धरातल पर लागू होना चाहिए, तभी इस क्षेत्र को जल संकट से बचाया जा सकेगा।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशनों की ओर से उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि बिल्डर प्रोजेक्ट्स व हाउसिंग सोसायटियों सहित औद्योगिक इकाइयों में एसटीपी न होने की वजह से उनका गंदा पानी अवैध रूप से टैंकों व अवैध पाइपलाइन के जरिए सार्वजनिक स्थलों पर छोड़ा जा रहा है। राव ने कहा कि ऐसे बिल्डरों व औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई प्रशासन की ओर से की जानी चाहिए।

एम्बिएंस मॉल द्वारा बरसाती रास्ता रोकने व अवैध निर्माण की जांच हो

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने गुरुग्राम शहर में जल संरक्षण के लिए कृत्रिम झीलों के निर्माण पर जोर देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन्हें लगातार शिकायत मिल रही है। कि बिल्डरों द्वारा अवैध रूप से प्राकृतिक बासाती नालों पर कब्जा किया गया है जिससे मानसून के दौरान जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। राव ने कहा कि गुरुग्राम शहर की भौगोलिक संरचना के अनुसार सेक्टर 56 घाटा व डीएलएफ का एरिया ऊंचाई पर है और जैसे जैसे पुराने शहर की ओर बढ़ा जाता है तो यह क्षेत्र ढलान के चलते नीचे की ओर जाता है। जिससे बारिश में मानसून के दौरान पानी का बहाव पहाड़ से पुराने शहर की तरफ निचले स्तर पर होते हुए नजफगढ़ ड्रेन की ओर जाता है।

राव ने कहा कि अरावली की पहाड़ी सिकन्दरपुर, नाथूपुर और वहां की पहाड़ियों का बरसाती पानी नाथूपुर के बरसाती नाले से होते हुए मौजूदा के उद्योग बिहार सरहौल गांव के आसपास आसपास होता हुआ नजफगढ़ ड्रीम मैं जाकर गिरता था। राव ने कहा कि उन्हें डीएलएफ व ग्रामवासियों की ओर से लगातार शिकायत मिल रही है कि एमबीएंस मॉल का कुछ हिस्सा बरसाती नाले पर अवैध रूप से बनाया गया। जिससे बरसात के दिनों में पानी का बहाव डीएलएफ के रिहाई से इलाकों में हो जाता है।

राव ने कहा कि एम्बियन मॉल के साथ हरियाणा पर्यटन विभाग की करीब 15 एकड़ जमीन पर कृत्रिम झील बनाने का कार्य किया जाए। ताकि पहाड़ों से आने वाला पानी झील में संरक्षण कर भूजल स्तर बढ़ाने के साथ बरसात के दिनों में लोगों की परेशानी भी कम कर सकेगा। राव ने कहा कि बड़े बिल्डरों को प्राकृतिक बरसाती नालों पर भी लाइसेंस प्रदान कर दिए गए। उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक बरसाती नालों पर बिल्डरों द्वारा अवैध निर्माण व लाइसेंस के तहत निर्माण करने के चलते मानसून के दौरान पानी के बहाव को प्राकृतिक रास्ता रोक दिया गया है। उन्हें अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसाती नालों पर बनाए गए अवैध निर्मानों को तुरंत दुरुस्त किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि आज के तकनीक युग में जहां मेट्रो कई किलोमीटर अंडरग्राउंड टनल बना रही है इसी प्रकार अंडरग्राउंड पाइप लाइन दबाकर प्राकृतिक पानी के बहाव को सुनिश्चित किए जाए। राव ने कहा कि प्राकृतिक नालों पर बिल्डरों द्वारा बनाए गए निर्माण के संबंध में विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार की जाए।

Advertisement
×