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फिर डूबा गुरुग्राम, निकासी के दावे झूठे साबित

सिविल अस्पताल के बेसमेंट में भरा पानी, मरीजों को ऊपर की मंजिल पर करना पड़ा शिफ्ट, कॉलोनियों में जलभराव
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विवेक बंसल/हप्र

गुरुग्राम, 10 जुलाई

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साइबर सिटी ग्रुरुग्राम में आखिरकार वो ही हुआ जिसका डर था। नगर निगम के बरसात में जल्दी पानी निकासी के दावे धरे रह गए। मानसून की पहली ढंग की बरसात में गुरुग्राम डूब गया। भले ही निगम पानी निकासी के दावे करता हो, लेकिन गुरुग्राम पानी-पानी हो गया। बुधवार की शाम से शुरू हुई बरसात देर रात तक चली। रात नौ बजे तक शहर पानी-पानी हो चुका था। चारों तरफ पानी ही पानी था। इसी पानी के बीच वाहनों का लंबा जाम लग गया। गुरुग्राम से बाहर सोसायटी या गांवों की तरफ जाने के लिए कहीं से रास्ते नहीं थे। पानी इतना ज्यादा भर गया कि दुपहिया वाहनों के साथ कारें भी पानी में डूबने से बंद हो गईं। लोगों की परेशानी और बढ़ गई। चाहकर भी लोग कुछ नहीं कर पा रहे थे।

मानसून की पहली मूसलाधार बारिश में सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल भी पानी से लबालब हो गया। बाहर तो ठीक है, लेकिन अस्पताल की बेसमेंट में भी जलभराव हो गया। नीचे के वार्ड में काफी पानी भर गया। अस्पताल प्रशासन ने बृहस्पतिवार की सुबह वार्ड को बेसमेंट से ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट किया। सभी मरीज वहां से निकाल लिए गए। अब दो महीने तक बेसमेंट में मरीजों को नहीं भेजा जाएगा।

सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल की इमारत तो देखने में भव्य नजर आती है, लेकिन इसके चारों तरफ जमीन से पानी का रिसाव होता है। साथ ही एक कोने में सीढ़ियों के ऊपर बनी फाइबर शीट के टूटे होने के कारण ओपीडी क्षेत्र में जलभराव हो जाता है। बुधवार की शाम से लेकर बृहस्पतिवार सुबह तक हो रही बरसात से अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट पानी से भर गये। बेसमेंट में वार्ड में काफी मरीज भर्ती हैं। पूरा वार्ड पानी-पानी हो गया। स्टाफ पानी में ही मरीजों का उपचार करता नजर आया। मरीजों को वार्ड में जलभराव होने से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। शायद ही किसी अस्पताल में ऐसा नजारा देखने को मिले कि वार्ड ही पानी से लबालब हो। मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने उन्हें ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट करने की योजना बनाई।

यहां हुआ जलभराव

जलभराव की बात करें तो सिद्धेश्वर मंदिर, चौक, रेलवे रोड, शिवाजी नगर, बसई रोड पर अर्जुन नगर वाली शिव मूर्ति चौक से लेकर पटौदी चौक, इससे आगे शनि मंदिर चौक से लेकर नागरिक अस्पताल तक, आगे बसई चौक से बसई पुराने फ्लाईओवर तक, सेक्टर नौ वाली रोड, सेक्टर 10 के भीतर, सेक्टर 10 से हीरो होंडा चौक, नेशनल हाईवे 48 पर हीरो होंडा चौक से नरसिंहपुर तक, रेलवे स्टेशन से भीमगढ़ खेड़ी, कोसको फुटबॉल फैक्ट्री के सामने, छोटी पंचायत धर्मशाला रोड, मेदांता अंडरपास, राजेंद्रा फ्लाईओवर से द्वारका एक्सप्रेस से कनेक्टिविटी सहित अनेक स्थानों पर जलभराव हो गया। गुरुग्राम में साइबर सिटी में बीते 24 घंटे में सबसे अधिक 133 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। गुरुग्राम में यह इस मानसून सीजन की सर्वाधिक वर्षा रही, जिसने नगर निगम और जीएमडीए की तैयारियों की पोल खोल दी। मेदांता अंडरपास में जलभराव हो गया, जिसके कारण यहां पर यातायात को रोकना पड़ा।

सड़कों के गड्ढों ने भी रुलाया

शहर की सड़कों में बने गड्ढों ने भी वाहन चालकों को खूब रुलाया। कई जगह पर दुपहिया वाहन चालक गड्ढों में गिरकर चोटिल हुए। इसकी जवाबदेही तय होनी ही चाहिए कि बारिश से पहले सड़कों के गड्ढे क्यों नहीं भरे गए। कुछ जगह पर ऐसा किया जरूर गया, लेकिन हल्की बारिश में घटिया सामग्री से पैच वर्क उखड़ गए और गड्ढे बन गए। कई जगह तो ऐसी है जहां कई साल से गड्ढे हैं, लेकिन नगर निगम ने उन गड्ढों को भरने की कभी जहमत नहीं उठाई। रोड टैक्स, हाउस टैक्स समेत कई टैक्स जनता देती है, मगर उस टैक्स के पैसे से सुविधाएं नहीं दी जा रही।

नगर निगम की बागवानी शाखा ने दिखाई सक्रियता

नगर निगम गुरुग्राम की बागवानी शाखा ने भी बरसात के दौरान पूरी सक्रियता दिखाई तथा आंधी व बरसात के कारण टूटे पेड़ों को उठाकर सुगम यातायात व्यवस्था बनाने में अपना योगदान दिया। नगर निगम गुरुग्राम के पास 16 स्थानों पर पेड़ गिरने की शिकायत आई। टीम ने त्वरित कार्रवाई शुरू की तथा व्यवस्था को सुगम बनाया।

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