गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार
गुजरात के राज्यपाल ने ऑर्गेनिक खेती को दिया बढ़ावा
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने वहां किसानों को इस खेती की ओर प्रेरित किया। उनके प्रयासों से हजारों किसान रासायनिक खाद और कीटनाशकों से दूर होकर जैविक पद्धतियों को अपनाने लगे। गुजरात में राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने इस मुहिम को और आगे बढ़ाया और वहां प्राकृतिक खेती को नई पहचान दिलाई। हरियाणा की नायब सरकार भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।
इस अभियान में आचार्य देवव्रत का सहयोग लिया जा रहा है। उनका मानना है कि खेती में रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग न केवल मिट्टी को कमजोर करता है, बल्कि पानी और पर्यावरण पर भी गंभीर असर डालता है। प्राकृतिक खेती किसानों की लागत घटाती है और उन्हें बेहतर आमदनी दिलाने में सहायक होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आचार्य देवव्रत और उनके प्राकृतिक खेती अभियान का उल्लेख कर चुके हैं। इतना ही नहीं, हाल के केंद्रीय बजट में भी प्राकृतिक खेती के लिए अलग से फंड का प्रावधान किया गया है।
इससे साफ है कि केंद्र सरकार भी इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की दिशा में गंभीर है। अब महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त दायित्व मिलने के साथ ही आचार्य देवव्रत पर भरोसा और बढ़ गया है। वे न केवल संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे, बल्कि प्राकृतिक खेती जैसे सामाजिक अभियानों को भी और व्यापक पैमाने पर आगे बढ़ाने की दिशा में प्रेरणा का काम करेंगे।