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‘हिंद की चादर’ शहीदी यात्रा का भव्य स्वागत, गुरु के जयकारों से गूंजा जींद

गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में फरीदाबाद से प्रारंभ हुई ‘हिंद की चादर’ तृतीय शहीदी यात्रा का जिला जींद में पहुंचने पर पूरे श्रद्धाभाव से स्वागत किया गया। इस दौरान गुरु के जयकारों से पूरा वातावरतण...
जींद में मंगलवार को शहीदी यात्रा का स्वागत करते डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा के पुत्र रुद्राक्ष मिड्ढा एवं अन्य। -हप्र
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गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में फरीदाबाद से प्रारंभ हुई ‘हिंद की चादर’ तृतीय शहीदी यात्रा का जिला जींद में पहुंचने पर पूरे श्रद्धाभाव से स्वागत किया गया। इस दौरान गुरु के जयकारों से पूरा वातावरतण गुंजायमान रहा।

रोहतक जिले के लाखन माजरा से जींद जिला सीमा में प्रवेश करने के पश्चात यात्रा सबसे पहले गांव किनाना से होती हुई हवेली पहुंची। उसके बाद सफीदों रोड से होते हुए जींद में आगमन हुआ। सफीदों रोड पर जिला गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों, डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा के पुत्र रुद्राक्ष मिड्ढा एवं संगत ने पंज प्यारों की अगुवाई में यात्रा का भावपूर्ण स्वागत किया।

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यात्रा परशुराम चौक, कुंदन सिनेमा, बाबा बंदा सिंह बहादुर चौक तथा बाल भवन के समीप से होती हुई रानी तालाब स्थित गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब पहुंची।

मंगलवार को यात्रा के साथ नगर कीर्तन निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तथा साध-संगत ने भाग लिया। बाद में शहीदी यात्रा गोहाना रोड से उपमंडल सफीदों के गांवों ढाठरथ, खरक गादिया, सिघाना इत्यादि से होती हुई इसराना की दिशा में प्रस्थान कर गई।

गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्य गुरजिंदर सिंह ने कहा कि यह शहीदी यात्रा गुरु तेग बहादुर के त्याग, तप और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि गुरुजी ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए महान बलिदान दिया, जिसकी प्रेरणा आज भी समाज को मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि गुरुजी के साथ भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाला की शहादत को भी याद किया गया।

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