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लोन कंपनी में 11 करोड़ का गबन, जीएम पर आरोप

लोन कंपनी में 11 करोड़ से अधिक का गबन करने का आरोप कंपनी के महाप्रबंधक (जीएम) पर लगा है। आरोप है कि वह कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा लोन देने वाली कम्पनी के ग्राहकों से एडवांस किस्त लेने व लोन राशि...
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लोन कंपनी में 11 करोड़ से अधिक का गबन करने का आरोप कंपनी के महाप्रबंधक (जीएम) पर लगा है। आरोप है कि वह कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा लोन देने वाली कम्पनी के ग्राहकों से एडवांस किस्त लेने व लोन राशि को कम रुपए लेकर लोन बन्द करने के नाम पर खुद ही रुपये लेता था। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने शनिवार को बताया कि आरोपी लोन बंद करके खुद ही फर्जी एनओसी भी लोन धारकों को देता था। लोन दिलाने वाली कंपनी के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर आरोपी लोन देे रहा था। लोन के नाम पर किस्त वसूल करने, कुल लोन राशि के बदले कम रुपए लेकर लोन बन्द करने व ग्राहक को फर्जी एनओसी देने की वारदातों को वह अंजाम देता था।

18 जून 2025 को आर्थिक अपराध शाखा-1 को शिकायत मिली, जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी कम्पनी फाइनेंस सर्विस व लोन प्रदान करती है। कंपनी ने लोगों के लोन कराने के लिए एक दूसरी कंपनी के साथ समझौता किया हुआ है। उस कम्पनी (लोन कराने वाली कम्पनी) के कर्मचारियों द्वारा इनकी कम्पनी (लोन देने वाली कम्पनी) के ग्राहकों से लोन की एडवांस किस्ते प्राप्त करने तथा ग्रहकों को कुल लोन के बदले लोन की कम राशि का भुगतान कवाकर उन्हें लोन इनकी कम्पनी (लोन देने वाली कम्पनी) की फर्जी एनओसी देकर तथा किस्तों के नाम पर व फर्जी तरीके से लोन कम रुपयों में बन्द कराने के नाम पर ग्राहकों से वसूल किए गए रुपयों का गबन करने अर्थात इनकी कम्पनी (लोन देने वाली कंपनी) में जमा ना कवाकर कम्पनी व ग्रहकों के साथ धोखाधड़ी की गई है। इस शिकायत पर पुलिस थाना मेट्रो गुरुग्राम में प्रबंधक थाना मेट्रो के निरीक्षक धर्मबीर के नेतृत्व में एएसआई सोमबीर ने पुलिस टीम के साथ मिलकर कार्यवाही की। धोखाधड़ी से रुपयों का गबन करने में शामिल एक आरोपी को काबू किया है। आरोपी की पहचान सतीश चन्द्रा (32) निवासी गांव नारायणा, जिला इलाहाबाद (उत्तर-प्रदेश) के रूप में हुई। पुलिस जांच में यह पता चला है कि आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 588 ग्राहकों का कुल 19 करोड़ 40 लाख का लोन करना, ग्राहकों द्वारा 8 करोड़ 15 लाख 7 हजार 526 रुपए लोन देने वाली कम्पनी को किस्तों के रूप में भुगतान करना तथा 11 करोड़ 25 लाख 12 हजार 474 रुपए गबन किया है।

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