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गीता अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर, सिखाती है जीवन जीना : कृष्ण मिड्ढा

हरियाणा विधानसभा डिप्टी स्पीकर डाॅ. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि गीता हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। हमें इससे आत्मिक रूप से जुड़ना चाहिए और इसके दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुंचाना भी हमारा कर्तव्य है। गीता और रामरायण दो ऐसे...

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जींद में मंगलवार को गीता जयंती महोत्सव में एक स्टॉल पर मौजूद विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा। -हप्र
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हरियाणा विधानसभा डिप्टी स्पीकर डाॅ. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि गीता हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। हमें इससे आत्मिक रूप से जुड़ना चाहिए और इसके दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुंचाना भी हमारा कर्तव्य है। गीता और रामरायण दो ऐसे ग्रंथ हैं, जो हमें जीवन को जीना सिखाते हैं।

डॉ मिड्ढा जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में बतौर मुख्यातिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम जो भी कार्य करें, उस कार्य को प्रभु पर छोड़ देना चाहिए।

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गीता की शिक्षाएं जीवन को अनुशासित, संतुलित और सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रेरणा देती हैं। गीता व्यक्ति को यह समझाती है कि परिस्थितियां कैसी भी हों, अपने कर्तव्य का पालन दृढ़ता और निः स्वार्थ भाव से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी को गीता का मूल संदेश अनुशासन, कर्म और आत्मविश्वास सुलभ रूप में समझाया गया है, जो उनके व्यक्तित्व विकास और जीवन निर्माण में महत्वपूर्ण

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भूमिका निभाएगा।

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