गलियों से लेकर नेशनल हाईवे भी पानी में डूबे
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में बुधवार सुबह हुई झमाझम बारिश ने जहां उमस और गर्मी से राहत दी, वहीं शहर की सड़कों और कॉलोनियों में जलभराव से लोगों की परेशानियां कई गुना बढ़ गईं। कुछ ही घंटों की तेज बरसात ने नेशनल हाईवे से लेकर गली-मोहल्लों तक तालाब जैसे हालात पैदा कर दिए और यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
बस अड्डे और प्रमुख चौराहों पर पानी भरने से वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। जगह-जगह जाम लग गया। कई कारें, ऑटो और बाइकें पानी में बंद हो गईं, तो पैदल यात्री भी रास्ते में फंसे नजर आए। कुछ स्थानों पर ढाई फीट तक पानी जमा हो गया, जिससे छोटे वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया।
हालांकि इस बारिश से किसानों को लाभ पहुंचा है और तापमान में गिरावट से लोगों ने राहत महसूस की, लेकिन शहरी क्षेत्रों में जलभराव ने हालात बिगाड़ दिए। स्कूल और दफ्तर जाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। बच्चों को पानी भरे रास्तों से गुजरना पड़ा और कई कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच पाए। नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे। स्थानीय लोगों ने कहा कि हर साल बरसात में यही स्थिति बनती है, लेकिन नालों और ड्रेनों की समय पर सफाई न होने से पानी सीधे सड़कों और घरों में भर जाता है। दुकानदारों को भी नुकसान झेलना पड़ा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही जल निकासी की व्यवस्था नहीं सुधारी गई तो मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। कुल मिलाकर, बुधवार की बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी, वहीं नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन स्थायी समाधान निकाले, ताकि भविष्य में राहत की बारिश आफत में न बदल जाए।
कहां कितनी बारिश
जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक 62 एमएम बारिश फरीदाबाद शहर में दर्ज की गई। इसके अलावा तिगांव और बल्लभगढ़ में 32-32 एमएम, मोहना में 22 एमएम, दयालपुर में 18 एमएम, बडखल में 48 एमएम, धौज में 53 एमएम और गौंछी में 47 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। ये आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि बारिश ने लगभग पूरे जिले को प्रभावित किया।