44 निजी अस्पतालों में 7 अगस्त से पात्र मरीजों का मुफ्त उपचार होगा बंद !
आयुष्मान भारत योजना के पैनल से जुड़े 44 निजी अस्पतालों में 7 अगस्त से पात्र मरीजों को मुफ्त उपचार नहीं मिल सकेगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हरियाणा के आह्वान पर जिला कार्यकारिणी ने योजना के पात्र मरीजों का 7 अगस्त से मुफ्त उपचार करने से मना कर दिया है। निजी अस्पतालों में अब तक पात्र मरीजों को मुफ्त इलाज मिलता रहा है, जिनके इलाज का सारा खर्च वहन करने की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार की ओर से इलाज के खर्च का भुगतान न किए जाने से निजी अस्पताल संचालकों में रोष है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 44 अस्पतालों को पैनल पर रखा गया है। योजना के तहत कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों के साथ करीब 1500 दूसरी बीमारियों का सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। सरकार के पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में मरीज इलाज तो ले रहे हैं, लेकिन इसके बदले लंबे समय से सरकार की तरफ से निजी अस्पतालों को भुगतान नहीं किया जा रहा।
आईएमए की जिला प्रधान डॉ. अनुपमा व जिला सचिव डॉ. सौरभ मक्कड़ ने बताया कि प्रदेश के नाममात्र निजी अस्पताल संचालकों को कुछ राशि मिली थी। कुछ अस्पताल संचालक को एक भी पैसा नहीं मिल पाया है, जिसकी वजह से अस्पताल संचालकों में सरकार के प्रति रोष को रोष है। निजी अस्पताल इलाज के बाद मरीज के बिलों को सरकार के पास भेजते हैं और सरकार इनका भुगतान करने में असमर्थ है। सरकार पर अब भी उनका करीब 500 करोड़ रुपये बकाया है। इससे निजी अस्पताल संचालकों ने आईएमए हरियाणा के आह्वान पर आयुष्मान भारत योजना के पात्र मरीजों को 7 अगस्त से मुफ्त इलाज न करने का निर्णय लिया है।
वर्जन
आईएमए की जिला कार्यकारिणी ने मुझे या सिविल सर्जन को आयुष्मान भारत योजना के पात्र का इलाज बंद करने की अभी जानकारी नहीं दी है। अगर कोई पत्र मिला है तो उस बारे में सरकार को अवगत कराया जाएगा।
-डॉ. अनीता सहारण, नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत योजना