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महिलाओं के लिए चली मुफ्त बस, बाज़ारों में रही रौनक

भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर एवं मिठाई खिलाकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधा, वहीं भाइयों ने अपनी...
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नारनौल में शनिवार को रक्षा बंधन पर्व पर भाई की कलाई पर राखी बांधती बहनें। -हप्र
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भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर एवं मिठाई खिलाकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधा, वहीं भाइयों ने अपनी बहनों को मुसीबत में उनकी रक्षा करने का वचन दिया।

उल्लेखनीय है कि इस पावन पर्व पर महिलाएं सुबह-सवेरे से ही अपनी ससुराल से चलकर मायके पहुंचनी शुरू हो गई थी। रक्षाबंधन के चलते बाजार दो दिनों से सजे हुए हैं। मिठाइयों की दुकान व राखियों की दुकान पर लोगों की सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। इनके अलावा गिफ्ट की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ रही। शहर के महावीर चौक से आजाद चौक तक के बाजार में सुबह से शाम तक लोगों का जमावड़ा रहा। जिसके कारण कई दिनों से मंदे बाजार में रौनक लौट आई।

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बाजारों में मिठाइयों व राखियों की रौनक रही

पूरे बाजार की दुकानें तरह-तरह की राखियों से सजी हुई है तथा इन दुकानों में सस्ती राखियां है तो मंहगी राखियां भी हैं। बाजार की ये दुकानें लगभग 10 दिन पूर्व से सजने शुरू हो गई थी।

बसों का रहा अभाव, महिलाएं हुई परेशान

नारनौल में रोडवेज बसों में फ्री यात्रा करने का लाभ दूसरे दिन रक्षाबंधन को महिलाओं को नहीं मिल पाया। जिसके कारण सुबह दस बजे तक कम ही रोडवेज की बसें बस स्टैंड पर दिखाई दी। इसका फायदा प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने उठाया। बसों की संख्या कम होने से यात्रियों में नाराजगी दिखी। प्रदेश सरकार द्वारा रक्षाबंधन के रात 12 बजे तक महिलाओं तथा उसके साथ 15 साल तक के बच्चों के लिए बसों में फ्री यात्रा की हुई है। जिसके तहत नारनौल डिपो की करीब 150 बसें विभिन्न रूटों पर लगाई गई हैं। इनमें लोकल रूट पर 37 तथा लंबे रूट पर 67 बसें शामिल हैं। यह सेवा शुक्रवार दोपहर बाद से शुरू हुई थी, मगर शनिवार सुबह के समय महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पाया। जिससे महिलाएं नाराज दिखी।

सुबह अपने भाई के राखी बांधने को निकली महिलाओं ने बताया कि वे सुबह करीब नौ बजे अपने घर से बस स्टैंड आ गई थी। उसे सिंघाना मार्ग की ओर जाना था, मगर सुबह दस बजे तक रोडवेज की कोई बस नहीं आई। इससे उसको एक घंटे बस स्टेंड पर खड़ा रहना पड़ा।

वहीं महेंद्रगढ़ जाने वाली सवारियों ने बताया कि वे करीब साढ़े नौ बजे बस स्टेंड पर आ गई थी, मगर उस समय रोडवेज की बस न लगकर प्राइवेट बस थी। रोडवेज की बस आधे घंटे बाद करीब दस बजे तक आई। जब तक काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे महेंद्रगढ़ जाने के लिए एकत्र हो चुके थे। इससे उनको काफी परेशानी हुई।

इसके अलावा स्थानीय जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड के अंदर व बाहर घंटों बसों के इंतजार के पश्चात हार थककर अनेकों महिलाओं व 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अवैध वाहनों में सफर करना पड़ा, वहीं प्राइवेट वाहनों ने जमकर चांदी कूटी।

क्या कहना है बस स्टेंड इंचार्ज का

इस बारे में अड्डा इंचार्ज प्रीतम बागड़ी ने बताया कि वे सुबह पांच बजे से बस स्टेंड पर ही हैं। प्राइवेट बसों को उनके रूट के अनुसार चलाया जाता है। रोडवेज बस की कोई कमी नहीं है। सभी रूटों पर बसें लगातार चल रही हैं।

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