फिरोजपुर झिरका मंडी में बाजरे के बोनस पर फर्जीवाड़ा
जिले के फिरोजपुर झिरका की अनाज मंडी में इस बार बाजरे की सरकारी खरीद बंद है, लेकिन इसके बावजूद मंडी में टोकन कटवाने का खेल जोरों पर है। कुछ जालसाजों ने सरकार द्वारा दिए जाने वाले 575 रुपये प्रति क्विंटल...
जिले के फिरोजपुर झिरका की अनाज मंडी में इस बार बाजरे की सरकारी खरीद बंद है, लेकिन इसके बावजूद मंडी में टोकन कटवाने का खेल जोरों पर है। कुछ जालसाजों ने सरकार द्वारा दिए जाने वाले 575 रुपये प्रति क्विंटल बोनस को हड़पने का नया तरीका निकाल लिया है। यह पूरा फर्जीवाड़ा गेटपास काउंटर से शुरू होकर आढ़तियों के जे-फार्म तक पहुंच रहा है। सूत्रों के अनुसार मंडी के गेटपास काउंटर पर कुछ लोगों की मिलीभगत से असली किसानों के नाम पर फर्जी टोकन कटवाए जा रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया कि एक व्यक्ति के मोबाइल में कई किसानों की सूची पहले से मौजूद थी, जिसमें आधार नंबर सहित पूरा डेटा सेव था। इन किसानों ने इस सीजन में मंडी में बाजरा बेचा ही नहीं, लेकिन उनके नाम से टोकन जारी किए जा रहे हैं। फर्जी टोकन के बाद आढ़ती जे-फार्म तैयार कर रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि किसान ने मंडी में अपनी फसल बेची है। जब यह डेटा ऑनलाइन अपलोड होगा, तो सरकार द्वारा घोषित 575 रुपये बोनस सीधे संबंधित किसान के खाते में जाएगा। लेकिन असल में यह पैसा जालसाजों और कुछ आढ़तियों की मिलीभगत से बने नेटवर्क के पास पहुंच जाएगा। पूरा प्रोसेस इतनी सफाई से किया जा रहा है कि सामान्य जांच में यह पकड़ में ही नहीं आता। गौरतलब है कि जे-फार्म एक आधिकारिक बिक्री रसीद है, जिसे केवल लाइसेंसशुदा आढ़ती ही जारी कर सकता है। किसान को सरकारी भुगतान इसी जे-फार्म के आधार पर किया जाता है। फर्जीवाड़े के इस खुलासे के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं। स्थानीय लोगों और किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की नाक के नीचे यह खेल चल रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। किसानों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से कराई जाए, ताकि यह सामने आ सके कि कितने टोकन फर्जी तरीके से कटे और कितने जे-फार्म गलत भरे गए। किसानों का कहना है कि अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो लाखों रुपये के सरकारी नुकसान का खुलासा हो सकता है।

