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गुरुग्राम में सफाई पर जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ का पोस्ट वायरल-‘यहां डिज्नीलैंड बनाना चाहते हो, शर्म करो’

गुरुग्राम, 6 जुलाई, (हप्र)गुरुग्राम की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर अब एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ ने भी वीडियो जारी करके तंज कसा है। कमेंट के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शिकायत भेजी है। उन्होंने...
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गुरुग्राम, 6 जुलाई, (हप्र)गुरुग्राम की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर अब एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ ने भी वीडियो जारी करके तंज कसा है। कमेंट के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शिकायत भेजी है। उन्होंने पीएम से अपील की है कि वे हस्तक्षेप करें। शनिवार पांच जुलाई की रात को जेट एयरवेज कंपनी के पूर्व सीईओ संजीव कपूर गुरुग्राम में थे।

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उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर सेक्टर-44 क्षेत्र में सडक़ के किनारे फैले कूड़े-कचरे की तस्वीरें सांझा कीं। तस्वीरों के साथ उन्होंने कमेंट में लिखा कि-महीनों बाद स्थिति पहले से बदतर हो गई है। शर्म की बात है। उन्होंने तस्वीरें नगर निगम गुरुग्राम, डीसी गुरुग्राम व सीएम कार्यालय हरियाणा को शेयर करते हुए कहा कि उनको न तो इस धरती का सम्मान है।

न टैक्स देने वाले नागरिकों का और न ही गायों का और आप हरियाणा को डिज्नीलैंड बनाना चाहते हैं। हास्यास्पद। इस कमेंट से उन्होंने गुरुग्राम की बदहाली को दिखाने का काम किया है। संजीव कपूर ने ये तस्वीरें प्रधानमंत्री मोदी को भी टैग की हैं। उन्होंने पीएम को टैग की गई तस्वीरों के साथ लिखा है-नरेंद्र मोदी जी, कृपया कुछ कीजिये।

पोस्ट में लिखा- बाबुओं के ऐसे ऐप की मचेगी धूम

संजीव कपूर ने एक पोस्ट में लिखा कि-बाबुओं की यह कहने की हिम्मत कि हम एक ऐप बना रहे हैं। उसके जरिये हमें कचरे की तस्वीरें और स्थान भेजें। उन्होंने इस सुझाव का मजाक उड़ाते हुए कहा कि क्या वे आंखों पर पट्टी बांधकर गाड़ी चलाते हैं? मुझे यकीन है कि ऐप लॉन्च की धूम मचेगी और फिर वे काम पूरा होने पर विचार करेंगे।

इससे साफ है कि अधिकारियों द्वारा कैसे तकनीकी समाधानों के नाम पर वास्तविक समस्याओं को टाला जा रहा है।जेट एयरवेट के पूर्व सीईओ संजीव कपूर की ओर से गुरुग्राम में फैली गंदगी पर सवाल खड़े करने के बाद लोग भी सक्रिय हो गए। उनकी पोस्ट पर अनेक लोगों ने रिप्लाई करते हुए गुरुग्राम नगर निगम पर गुस्सा निकाला।

किसी ने लिखा मिलेनियम का मतलब है सडक़ों पर टनों कचरा। एक ने लिखा कि अगर बिजली डिस्कॉम को सौंपा जा सकता है तो यह काम भी मुश्किल नहीं है। एक ने लिखा बड़े मेट्रो शहरों में नगर निगमों का निजीकरण यानी प्राइवेट हाथों में दे दिया जाए।

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