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भ्रूण लिंग जांच गिरोह का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार

पीसी-पीएनडीटी टीम ने राजस्थान के झुंझनू के सिंघाना में की कार्रवाई
नारनौल में गिरफ्तार आरोपियों के साथ मौजूद पीसी-पीएनडीटी टीम। -हप्र
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सिविल सर्जन कार्यालय की पीसी-पीएनडीटी टीम ने अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया और राजस्थान के झुंझनू जिले के सिंघाना क्षेत्र में गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया, जबकि एक भागने में कामयाब हो गया। कार्रवाई हरियाणा व राजस्थान सरकार के संयुक्त प्रयासों से की गई। सिविल सर्जन डॉ़ अशोक कुमार ने बताया कि नारनौल की टीम को सूचना मिली थी कि प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को राजस्थान ले जाकर अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण किया जा रहा है और अमित नाम के व्यक्ति ने एक गर्भवती को उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण लिंग परीक्षण के लिए गांव बदोपुर बुलाया गया था। एक फिक्सर के माध्यम से झुंझनू के गांव शिमला में भ्रूण लिंग जांच की व्यवस्था की गई थी और इसकी एवज में 50 हजार रुपये की मांग की गई थी। सिविल सर्जन ने बताया कि इस दौरान एक महिला को डिकॉय ग्राहक के रूप में टीम के साथ भेजा गया।

डिकॉय ग्राहक के रूप में भेजी गई महिला को आरोपी रवि ने बताया कि गर्भ में लड़की पल रही है। उन्होंने महिला से गर्भपात के लिए भी मौखिक रूप से सहमति जताई और इसके लिए अतिरिक्त 20 हजार रुपये की मांग की। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई की और आरोपियों को मौके से गिरफ़्तार कर लिया तथा निकॉन कूलपिक्स कैमरा, मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप एवं अन्य सामान जब्त कर लिया गया। टीम ने आरोपियों के कब्जे से 26 हजार रुपए भी बरामद किए। पकड़े गए आरोपियों में रवि, भारत शर्मा और उमेश शामिल हैं, जबकि अमित शर्मा मौके से भागने में कामयाब हो गया। नारनौल पीसीपीएनडीटी टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद इसकी सूचना जिला झुंझनू की पीसीपीएनडीटी टीम को दी गई। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह कई वर्षों से राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त है। रवि पर राजस्थान में 4 केस भी दर्ज बताए जा रहे है। आरोपियों पर केस दर्ज कर उन्हें अदालत में पेश किया गया। टीम में पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी विजय यादव, प्रवीन पीसीपीएनडीटी नारनौल, डा. दयानंद सिंह मौजूद रहे।

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