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गुरुग्राम में बाढ़ जैसे हालात, हाईवे पानी में डूबे

प्रशासनिक अमले के साथ फील्ड में उतरे डीसी । गड्ढे में डूबने से युवक की मौत, दूसरे की तलाश जारी
गुरुग्राम में रविवार को हुई बारिश में राजीव चौक और अन्य इलाके में बाढ़ जैसे हालात नजर आये। -हप्र
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गुरुग्राम, 9 जुलाई (हप्र)

रविवार अलसुबह से हो रही बारिश ने एक बार फिर से गुरुग्राम में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। जहां देखों पानी ही पानी। दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे, द्वारका एक्सप्रेस-वे समेत सभी सड़कें पानी में डूबी रहीं। डीसी निशांत कुमार यादव अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ विभिन्न स्थानों पर जलभराव का जायजा लेते रहे। कई जगह दोपहिया और चौपहिया वाहन पानी में डूबे नजर आए। गुरुग्राम में दोपहर तक 150 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई।

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थाना बादशाहपुर के गांव पंडाला में एक गड्ढे में बारिश का पानी भरा था। इसमें दो युवक तैर रहे थे। इनमें एक युवक की डूबने से मौत हो गई, जबकि दूसरे की तलाश जारी है।

सबसे अधिक जलभराव एकलव्य चौक (हीरो होंडा चौक), बसई, सेक्टर-10, जयपुर हाईवे के दोनों ओर सर्विस लेन, सेक्टर-9, अशोक विहार, शीतला माता रोड, सेक्टर-5, लक्ष्मण विहार, धनवापुर रोड, सेक्टर-4/7 रोड पर नजर आया। पानी में से निकलना लोगों की मजबूरी थी। इसलिए लोग परेशानियों झेलकर भी पानी में से निकल रहे थे। बसई में भी जलभराव काफी रहा।

एकलव्य चौक जलभराव का हॉट स्पॉट रहा। यहां जयपुर जाने के दौरान फ्लाईओवर शुरू होने से लेकर खत्म होने तक हीरो होंडा कंपनी की लेन पानी से लबालब रही। छोटे-बड़े वाहन धीरे-धीरे चल रहे थे। यहां वाहनों को पुलिसकर्मी धक्का लगाकर एक तरफ करवा रहे थे। कंपनियों में ड्यूटी पर जाने के लिए कर्मचारी इन रेहड़ियों में बैठकर पानी में से सड़क पार कर रहे थे। सुभाष चौक से एकलव्य चौक की तरफ आने वाले वाहन भी पानी में धीरे-धीरे निकल रहे थे। जयपुर की तरफ खेड़कीदौला-नरसिंहपुर के बीच सर्विस लेने में भरे पानी में निकलने का प्रयास कर रहे दोपहिया वाहन चालकों के वाहन बंद हो गये। उनके लिए और अधिक परेशानी खड़ी हो गई। डीसी ने बताया कि जल निकासी के पुख्ता इंतजामों के चलते ज्यादातर अंडरपास यातायात के लिए खोल दिए गए है। राष्ट्रीय राजमार्ग- 48 के मेन कैरिज वे जलभराव नहीं होने दिया गया और यातायात भी सुचारू ढंग से जारी रहा। जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही 114 क्रिटिकल प्वाइंट्स की पहचान कर 16 अफसरों को जलभराव से निपटने के लिए कमान सौंपी दी।

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