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जींद की सीआरएसयू के दो असिस्टेंट प्रोफेसर्स पर एफआईआर दर्ज

छात्राओं का यौन उत्पीड़न : महिला आयोग के दखल पर हुई कार्रवाई

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जींद का चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय। -हप्र
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जींद की सीआरएसयू के 2 प्रोफेसर्स पर यूनिवर्सिटी की छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों में शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इसमें आगे जांच में कोई और नाम आता है तो उसे भी शामिल कर लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन की जांच के समानांतर अब जींद पुलिस भी इस मामले की जांच करेगी।

सीआरएसयू की कुछ छात्राओं ने वीसी, गवर्नर से लेकर पीएम को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी के कुछ सहायक प्रोफेसर्स पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इनमें सहायक प्रोफेसर्स पर छात्राओं को अश्लील मैसेज भेजने की बात कही गई थी। मामला उजागर होने के बाद बुधवार को यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों ने उन प्रोफेसर्स के पुतले फूंके थे। वीसी ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर उन तीनों सहायक प्रोफेसर्स की यूनिवर्सिटी में एंट्री बैन कर दी थी, जिनके खिलाफ छात्राओं ने शिकायत दी थी। शुक्रवार को जींद सिविल लाइन पुलिस थाना में 2 सहायक प्राध्यापकों को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया के मामले में दखल देने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

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इससे पहले जींद पुलिस कह रही थी कि उसके पास छात्राओं की कोई शिकायत नहीं आई है। एसपी कुलदीप सिंह ने अब यूनिवर्सिटी के 2 सहायक प्रोफेसर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। एएसपी सोनाक्षी सिंह की अध्यक्षता में पुलिस की अलग से एक जांच कमेटी पहले ही गठित की जा चुकी है।

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इसी बीच इस मामले में एक छात्रा के अपनी शिकायत से पीछे हटने की चर्चा भी यूनिवर्सिटी परिसर में शुक्रवार को जोरों पर रही। इस छात्रा ने ही सबसे ज्यादा गंभीर आरोप इस मामले में लगाए थे। यह अलग बात है कि अभी तक इस चर्चा की पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं हुई है।

विवादों से पुराना नाता

2014 में अस्तित्व में आई चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी का विवादों से पुराना नाता रहा है। इसमें कभी प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठे और जांच विजिलेंस ब्यूरो तक पहुंची। यूनिवर्सिटी में भर्तियों को लेकर एक बार उच्चतर शिक्षा निदेशालय की टीम ने रात में यूनिवर्सिटी में रेड कर सारा रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया था। यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के दौरान एक प्राध्यापक ने ही सिलेक्शन कमेटी पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हुआ था, और यूनिवर्सिटी का दामन दागदार हुआ था।

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