गांव बिज्जूवाली में संक्रमित कुत्ते के काटने से 42 वर्षीय महिला की मौत के बाद पूरा गांव खौफ में है। ग्रामीणों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। बुधवार को सरपंच सुरेंद्र सिंह सुथार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने डीसी सिरसा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि गांव बिज्जूवाली में आवारा कुत्तों की वजह से स्थिति खतरनाक हो चुकी है। गांव में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो अब लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मृतका वर्षा रानी को 16 जुलाई को एक संक्रमित कुत्ते ने सिर, बाजू और पैर पर काट लिया था। उन्हें एंटी रेबीज के 2 टीके सिविल अस्पताल डबवाली से लगाए गए, लेकिन सिर पर काटे जाने के कारण वायरस सीधे मस्तिष्क तक पहुंच गया। इलाज के लिए उन्हें बठिंडा एम्स और फिर बरेली ले जाया गया, लेकिन 20 दिन तक जूझने के बाद उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक उस संक्रमित कुत्ते ने करीब 15-20 ग्रामीणों को और काटा था, उन्हें समय पर एंटी रेबीज टीका लगने से राहत मिल गई। अब पूरे गांव में गहरा आक्रोश और डर है। ज्ञापन में कहा कि बिज्जूवाली में खूंखार कुत्तों की वजह से महिलाएं और बच्चे घरों में कैद होकर रह गए हैं। गलियों व सार्वजनिक स्थलों पर इन कुत्तों से लोग बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा को भी खतरा है। प्रतिनिधि मंडल ने डीसी से मांग की कि गांव में तुरंत विशेष अभियान चलाया जाए, जिससे इन हिंसक कुत्तों को पकड़ा जाए और ग्रामीणों को राहत मिल सके।
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