हूडा प्रशासक और भूमि अर्जन अधिकारी के कार्यालय के समक्ष 4 को प्रदर्शन करेंगे किसान
बल्लभगढ़, 31 मई (निस)
किसान संघर्ष समिति नहरपार फरीदाबाद की मीटिंग गांव भतोला में लीलू चंदीला के निवास पर प्रधान जगबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई।
समिति के महासचिव सत्यपाल नरवत ने बताया कि मीटिंग में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि 4 जून को नहरपार के किसानों की मुआवजे संबंधित मांगों को लेकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण फरीदाबाद के प्रशासक एवं भूमि अर्जन अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।
समिति प्रधान जगबीर सिंह व महासचिव सत्यपाल नरवत ने बताया कि नहरपार 19 गांवों की जमीन सरकार ने मास्टर रोड के लिए अधिग्रहण की थी। जिसका अवाॅर्ड 2010 में सुनाया गया था। फर्स्ट अवाॅर्ड उठाने के बाद किसान सेशन कोर्ट गए।
सेशन कोर्ट का बड़ा हुआ मुआवजा सरकार ने आधा-आधा करके दिया, लेकिन उसका ब्याज आज तक नहीं दिया गया। जिसको 12 साल हो गए। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा बढ़ाया गया मुआवजा दे दिया गया, लेकिन 2 महीने का ब्याज नहीं दिया गया। जिसको 3 साल हो गए। किसानों को प्रतिवर्ष मिलने वाली रॉयल्टी 4 साल से नहीं दी गई।
यह सारी रकम एक अरब से अधिक होगी। जिस पर सरकार किसानों को ब्याज भी नहीं देगी। किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
मीटिंग में प्रकाशचंद, करतार सिंह, सुभाष चंदीला, राजवीर, चंद्रसिंह, धीरज, हरपाल यादव, परमानंद कौशिक, मनोज, धनराज, धर्मपाल एडवोकेट, अरुण त्यागी, रोहतास यादव, अजीत, चतरसिंह, सिंहराज, धर्मपाल खटाना व गजराज नागर मौजूद रहे।
आरोप- किसान पेनल्टी देने को तैयार, फिर भी प्लॉट नहीं दे रहे
उन्हाेंने कहा कि समिति के पदाधिकारी और किसान लगातार लगातार दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। कई बार प्रशासक एवं भूमि अर्जन अधिकारी से मीटिंग कर चुके हैं। प्लाॅटों को लेकर भी किसानों को गुमराह किया जा रहा है। पहले मास्टर रोड के लिए अधिग्रहण की गई जमीन के लिए प्लाॅट दिए गए थे, अब मना कर रहे हैं। जिन किसानों के प्लाॅटो की पेमेंट न होने के कारण डी-एक्टिव कर दिए गए थे। वे किसान पेनल्टी समेत पेमेंट देने को तैयार हैं, लेकिन उनको प्लाॅट नहीं दे रहे। अधिग्रहण के बाद बची जमीन के लिए किसानों को रास्ता नहीं दिया जा रहा। सरकार ने जमीन रोड के लिए अधिग्रहण की थी, लेकिन ग्रीन बेल्ट के साथ बची जमीन पर कॉमर्शियल बूथ काटे जा रहे हैं, जोकि गलत है। गांव खेड़ी कलां के किसान मामचंद, सोहनपाल व दीपचंद को परचेज ऑफ पॉलिसी के तहत प्लॉट नहीं दिए गए।