Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

किसानों को 78.40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मिलेगा मुआवजा

नई रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहीत भूमि पर हाईकोर्ट का फैसला

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

रोहतक-महम-हांसी नई रेलवे लाइन के लिए गांव भाली आनंदपुर में अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों को बड़ी राहत दी और उनके पक्ष में महत्वपूर्ण आदेश सुनाया है। न्यायमूर्ति हरकेश मनुजा ने स्पष्ट किया कि किसानों को अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा 78.40 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 के तहत मिलने वाले अन्य वैधानिक लाभ और ब्याज भी अदा किया जाएगा। इस प्रकार किसानों को प्रति एकड़ करीब 2 करोड़ रुपये तक का मुआवजा प्राप्त होगा। कोर्ट का यह निर्णय उन हजारों किसानों के लिए मिसाल है, जिनकी जमीनें सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाती हैं। रोहतक-महम-हांसी नई रेलवे लाइन के लिए वर्ष 2013-14 में गांव भाली आनंदपुर की लगभग 140 कनाल 19 मरला भूमि का अधिग्रहण किया गया था। भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने एक जून 2016 को अवार्ड जारी करते हुए किसानों को मुआवजा दर मात्र 20 लाख रुपये प्रति एकड़ तय की। इस राशि को लेकर किसान असंतुष्ट रहे और उन्होंने धारा-64, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत रेफरेंस कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन अक्तूबर 2021 में रोहतक के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किसानों की याचिकाएं खारिज कर दीं। इसके बाद किसानों ने हाईकोर्ट में 9 रेगुलर प्रथम अपील (आरएफए) दाखिल कीं।

किसानों की ओर से अधिवक्ता डी.के. टूटेजा ने तर्क दिया कि अधिग्रहीत भूमि के नजदीक स्थित जमीन का सौदा 20 अप्रैल 2012 को हुआ था। उस सौदे में 6 कनाल 16 मरला जमीन 83.30 लाख रुपये में बिकी थी। यह कीमत लगभग 98 लाख रुपये प्रति एकड़ बैठती है। इसलिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भी इसी बिक्री उदाहरण को आधार मानकर तय होना चाहिए। राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इसका विरोध किया और कहा कि अधिग्रहण के समय जमीन की दर 20 लाख रुपये प्रति एकड़ ही थी। कोर्ट का विश्लेषण और निर्णय न्यायमूर्ति हरकेश मनुजा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद माना कि 20 अप्रैल 2012 की बिक्री और 22 दिसंबर 2013 को जारी भूमि अधिग्रहण अधिसूचना के बीच लगभग 20 महीने का अंतर था। इस अवधि को देखते हुए दर पर 12 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि जोड़कर कीमत लगभग 1.17 करोड़ रुपये प्रति एकड़ बनती है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी माना कि अधिग्रहित भूमि मुख्य सड़क (रोहतक-भिवानी रोड) से 5-10 एकड़ अंदर स्थित थी। इस कारण एक-तिहाई कटौती करते हुए अंतिम मुआवजा दर 78.40 लाख रुपये प्रति एकड़ तय की गई।

Advertisement

Advertisement
×