बाजरे की सरकारी खरीद की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
नई अनाज मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद करने की मांग को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया तथा राज्य सरकार को आगाह किया कि हमारी उपेक्षा भारी पड़ेगा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा की ब्लाक प्रधान संतोष देसवाल ने की। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला रामफल देसवाल, उप प्रधान ओमप्रकाश व संयुक्त सचिव डाॅ. बलबीर ठाकन ने कहा कि राज्य सरकार ने 23 सितंबर से बाजरे की सरकारी खरीद करने का वायदा किया था। अनाज मंडी इतना बाजरा आ गया है कि अब मंडी में बाजरा रखने की जगह नहीं है। किसान नेताओं ने सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे क्वालिटी का बहाना बनाकर बाजरे की सरकारी खरीद करना ही नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 22 जिलों में बाढ़ व जलभराव से खरीफ फसलें बर्बाद हो गई है। लोगों के घरों में पानी भर गया है तथा गरीबों के मकान गिर गए है, राज्य सरकार व प्रशासन अब तक जलभराव की निकासी भी नहीं करवा सका है। किसान जनता डीएपी व यूरिया खाद के लिए दर दर भटक रही है और जो किसान प्राकृतिक आपदा का मुकाबला करते हुए कुछ बाजरे की फसल बचाकर मंडी में ले आए, उसको सरकार खरीद नहीं रही है। यह किसानों के साथ घोर अन्याय है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। किसानों के इन्हीं मुद्दों को लेकर 4 अक्तूबर को किसान सभा की तरफ से फतेहाबाद जिले के भट्टूकलां में राज्य स्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर से हजारों किसान भाग लेंगे। इस रैली में मांग की जाएगी कि मंडियों में आ रहे धान, कपास, बाजरा व मूंग की सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए तथा जलभराव पीड़ित किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ फसल बर्बादी का मुआवजा दिया जाए। सभी के बर्बाद घरों व मजदूरों को भी न्यायोचित मुआवजा मिले, मजदूरों के लिए 200 दिन मनरेगा काम 600 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी दी जाए।