खेतों में हाईटेंशन तार बिछाने का किसानों ने किया विरोध
किसानों ने बताया कि कंपनी द्वारा बिना उचित सहमति और मुआवजे के उनके निजी खेतों में काम किया जा रहा था। सबसे गंभीर मामला गांव खावा से ईशरवाल तक लाइन खींचने का सामने आया, जहां रमेश पुत्र उमेद सिंह के खेत में सरसों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाते हुए जेसीबी से हाईटेंशन टावर लगाने के लिए गड्ढे खोदे जा रहे थे। इस अवैध कार्रवाई की सूचना मिलते ही ग्राम स्वराज किसान मोर्चा के पदाधिकारी और आस-पास के किसान भारी संख्या में मौके पर पहुंचे और काम को तुरंत रोक दिया।
किसानों के कड़े विरोध के बीच मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने किसानों पर काम जारी रखने का दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन किसानों की एकजुटता के आगे उन्हें झुकना पड़ा और काम बंद करवाना पड़ा। ग्राम स्वराज किसान मोर्चा के युवा प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर मंगल सिंह खरेटा ने कहा कि यह सीधे-सीधे किसानों की ज़मीन पर डाका है।
खेतों में हाईटेंशन तार बिछाने के दौरान रौंदी फसल
उन्होंने कहा कि कंपनियों को यह अधिकार किसने दिया कि वे किसानों की खड़ी फसल को रौंद कर बिना किसी पूर्व सूचना या उचित मुआवजे के, उनके खेतों में जबरदस्ती हाईटेंशन तार बिछा दें। किसानों के पास पहले से ही छोटी जोत है और अगर इस तरह उनकी उपजाऊ जमीन पर कब्जा किया जाएगा, तो किसान क्या खाएगा।
खरेटा ने कहा कि पुलिस प्रशासन का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है न कि निजी कंपनियों के लिए किसानों पर दबाव बनाना। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि किसानों की सहमति और नियमानुसार उचित मुआवजा दिए बिना, इस तरह का कोई भी कार्य दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई तो ग्राम स्वराज किसान मोर्चा एक बड़ा किसान आंदोलन शुरू करने से पीछे नहीं हटेगा। साथ ही उन्होंने मांग भी की कि प्रशासन इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और किसानों को उनकी फसलों और जमीन के नुकसान का उचित हर्जाना सुनिश्चित करे।
इस अवसर पर सुशील, अमरजीत, संदीप, मुकेश बंसल बीडीसी, मुकेश सेठ, सचिन राव, महेंद्र, कर्ण सिंह जैनावास, राजेश सिहाग, पवन बूरा, विनोद ईशरवाल, लीला ईशरवाल, युवराज, साधुराम, काला, मनीष ईशरवाल सहित अनेक किसान मौजूद रहे।
