खाद की किल्लत से परेशान किसान, घंटों लाइनों में खड़े होने की लाचारी
भिवानी में किसानों को खाद की किल्लत हो रही है। हर साल दोनों सीजन में खाद की समस्या से जूझना पड़ता है। फिलहाल भिवानी जिला में यूरिया खाद के लिए जबरदस्त मारामारी मची हुई है। किसानों को सुबह लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। इस तरह का वाक्या पिछले दो सप्ताह से बना हुआ है। मंगलवार को यूरिया व डीएपी खाद के लिए भिवानी जिला के गांव दिनोद व सिरसा घोघड़ा के किसान अनाज मंडी में पहुंचे। अल सुबह करीब 200 किसान मौजूद थे। चूंकि सभी खाद लेने वाले किसानों ने अपने हस्ताक्षरयुक्त कागजात तैयार किया था ताकि उपायुक्त को ज्ञापन के साथ दिया जा सके।
सरकारी दुकानों पर हो रही खाद की किल्लत
किसानों ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से खाद के लिए लगातार अनाजमंडी स्थित सरकारी खाद की दुकान पर पहुंच रहे है, लेकिन उनको खाद नहीं मिल पा रही है। सुबह उनको अगले दिन की कह कर वापस भेज दिया जाता है, लेकिन शाम पांच बजे के बाद खाद के स्टॉक को दाए बाए किया जा रहा है। किसानों ने निजी दुकानदारों को भी खाद देने का आरोप लगाया। अगर वे निजी दुकानदारों के पास खाद के लिए जाते है तो उनको यूरिया व डीएपी खाद के साथ अन्य सामान बेच रहे है। उस सामान की उनको कोई जरूरत ही नहीं है। ऐसे में उन पर दोहरी मार पड़ रही है। दो दिन पहले गांव लोहारी जाटू में यूरिया खाद का स्टॉक पहुंचा था।
लाइनों में लगे किसान लौट रहे खाली हाथ
उन्होंने बताया कि खाद के लिए किसान सुबह पांच बजे पैक्स के दरवाजे पर पहुंच गए। पैक्स संचालक के पहुंचने से पहले ही करीब 100 किसान लाइनों में खड़े हो गए। करीब सात बजे पैक्स संचालक सोसायटी में पहुंचे तो और वितरण का कार्य शुरू होने वाला था कि कुछ किसानों ने अपनी बारी पहले बता कर हंगामा करना आरंभ कर दिया।
खाद की किल्लत से परेशान किसान मिले डीसी से
यूरिया खाद की मांग को लेकर विभिन्न गांवों के किसान उपायुक्त से मिले। किसानों ने उपायुक्त से पर्याप्त यूरिया व डीएपी खाद दिलाए जाने की मांग की। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी की। किसानों ने बताया कि वे यूरिया व डीएपी खाद के लिए रोजाना भिवानी सुबह पांच बजे पहुंच रहे है। घंटो लाइनों में खड़े होते है, लेकिन उनको यह कह कर वापस भेज दिया जाता है कि खाद आज नहीं कल बांटी जाएगी।
इस तरह के आश्वासन मिलते हुए दो सप्ताह से अधिक का समय निकल गया, लेकिन उनको खाद नहीं मिल पाई है। खाद न मिलने से उनके खेतों खरीफ की फसल पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। फसलों में फुटाव रूक गया। अगर यही हाल रहा तो फसलों की औसतन पैदावार में काफी कमी आएगी।
गांव दिनोद के किसान विनोद कुमार व लोहानी के किसान जयभगवान शर्मा ने बताया कि अगर इस वक्त खरीफ की फसल में यूरिया खाद नहीं डाली गई तो उस फसल में फुटाव व उसका बढ़वार पूरी तरह से रूक जाएगा, जिसका सीधा असर उसकी औसतन पैदावार पर पड़ेगा।
इसी तरह गांव सिरसा घोघड़ा के किसान मनोज कुमार ने बताया कि उनको न तो यूरिया खाद मिल रही और न ही डीएपी खाद मिल पाई है। खाद न मिलने से फसलों की बढवार रूक गई है। उन्होंने कपास, धान या कोई सब्जी वाली फसल की बिजाई करनी है तो उसके लिए डीएपी खाद की जरूरत होती है। अगर डीएपी खाद नहीं डाली जाती तो उस फसल की औसतन पैदावार बेहद कम हो जाती है। उन्होंने उपायुक्त से उनको पर्याप्त डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध करवाए जाने की मांग की।
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