गुरुग्राम, 11 जून (हप्र)
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के तहत गुजरने वाली नई रेल लाइन के साथ-साथ फर्रुखनगर क्षेत्र के विकास की राह में रेलवे स्टेशन की जरूरत अब लोगों की पहली मांग बन चुकी है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सभा करके आवाज बुलंद की। सभा की अध्यक्षता नगरपालिका चेयरमैन बीरबल सैनी ने की, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण, सरपंच, किसान नेता और समाजसेवी शामिल हुए। जनसभा में बुधवार को यह मांग उठाई गई कि फर्रुखनगर-सुल्तानपुर या सुल्तानपुर झील में जल्द से जल्द रेलवे स्टेशन की स्थापना की जाए। लोगों का कहना है कि रेल लाइन तो बन रही है, लेकिन स्टेशन के अभाव में इस क्षेत्र को कोई फायदा नहीं मिलेगा। रेल आएगी पर रुकेगी नहीं तो इसका क्या लाभ। ग्रामीणों ने बताया कि यह मांग 2023 में सांसद राव इंद्रजीत सिंह के समक्ष भी रखी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। ऐसे में अब एक बार फिर मंत्री राव इंद्रजीत और विधायक राव नरबीर सिंह को ज्ञापन सौंपने की तैयारी है।
वहीं दूसरी ओर, सभा में किसानों ने जमीन अधिग्रहण में मुआवजे को लेकर हो रहे अन्याय को लेकर भी रोष जताया। लोगों ने बताया कि केएमपी एक्सप्रेसवे के लिए वर्ष 2006 में अधिग्रहित जमीन के एवज में पहले किसानों को 12.50 लाख प्रति एकड़ मुआवजा मिला। इसके खिलाफ किसान अदालत गए और 2012 में कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर 43.17 लाख प्रति एकड़ कर दिया। बाद में हाईकोर्ट ने 62.12 लाख प्रति एकड़ का आदेश दिया, लेकिन किसानों को यह दर नहीं मिली। उल्टा, सरकार की ओर से एचएसआईआईडीसी ने मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया। जहां से मुआवजा घटाकर 25.20 लाख प्रति एकड़ कर दिया। सरकार की ओर से किसानों को भेजे गए मुआवजा वापसी के नोटिस ने ग्रामीणों को भड़का दिया है।