यूपी में बिजली के निजीकरण के खिलाफ फरीदाबाद के कर्मियों का प्रदर्शन
अतिरिक्त सर्कल सचिव राम चरण की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान करतार सिंह, उप प्रधान बलबीर सिंह बालगुहेर, एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान नवल सिंह, नहर पार किसान संघर्ष समिति के महासचिव सतपाल नरवत आदि शामिल और सभा को सम्बोधित किया। प्रदर्शन में सर्वसम्मति से 9 जुलाई की हड़ताल में बढ़ चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया।
सुभाष लांबा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्वांचल व दक्षिणांचल बिजली वितरण निगमों को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। इसके खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश पिछले 182 दिनों से संघर्ष कर रही है। बिजली निजीकरण के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के चलते सरकार अभी तक टेंडर जारी नहीं कर पाई है।
इस बौखलाहट में उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर बिजली प्रबंधन ने सेवा नियमावली में संशोधन किया है। इसके अनुसार बिजली निजीकरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन व हड़ताल करने पर कर्मियों को बिना जांच सीधे बर्खास्त करने और भविष्य की नौकरी के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह सरकार की तानाशाही की पराकाष्ठा है। इसका डटकर विरोध किया जाएगा। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन और बिजली निजीकरण का विरोध किया। ऑल हरियाणा पावर कारपोरेंज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद ने अपने संबोधन में उप्र सरकार से निजीकरण और जारी किए तानाशाही फरमानों को वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शन को यूनिट कमेटी के नेता करतार सिंह, रामकेश साहरण, भूप सिंह, दिनेश शर्मा, प्रवेश बैंसला, दिगम्बर सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, मनोज जाखड़, सर्व कर्मचारी संघ के जिला उपाध्यक्ष बलबीर सिंह बालगुहेर, संगठन सचिव मुकेश बेनीवाल, टूरिज्म के नेता मुरारी लाल आदि मौजूद थे।