Fake Gold Racket सोने का सपना, ठगी की हकीकत: नकली ‘गोल्ड ब्रिक’ बेचने वाले दो ठग काबू
अगर कोई आपको सस्ते में सोने की ईंट दिलाने का लालच दे, तो सावधान रहिए — यह किसी बड़े जालसाज गिरोह का फंदा हो सकता है। साइबर थाना नूंह पुलिस ने ऐसे ही दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है जो लोगों को नकली ‘गोल्ड ब्रिक’ बेचकर लाखों की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने इनके कब्जे से फर्जी सिम कार्ड, मोबाइल फोन, हथौड़ी, छैनी और नकली सोने की ईंट के टुकड़े बरामद किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इब्बन पुत्र कासम निवासी तिरवाड़ा थाना बिछौर और तौफिक पुत्र महमूद निवासी सालाहेड़ी थाना नूंह के रूप में हुई है। दोनों आरोपी लंबे समय से फर्जी सिम कार्ड की मदद से लोगों को ठगने के नए तरीके आजमा रहे थे।
Fake Gold Racket जिला पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार के मुताबिक, साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए तैनात पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि दो युवक नकली सोने की ईंट बेचने का सौदा करने के लिए घासेड़ा बाईपास पर मौजूद हैं। पुलिस ने तुरंत रेड कर दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया।
तलाशी के दौरान इब्बन से एक मोबाइल, दो फर्जी सिम कार्ड और एक पॉलीथिन में पीले रंग की धातु के नमूने मिले, जबकि तौफिक से एक मोबाइल फोन, हथौड़ी, छैनी और नकली सोने की ईंट के टुकड़े बरामद हुए। जांच में दोनों के मोबाइल में व्हाट्सऐप चैट, नकली ईंटों की तस्वीरें और क्यूआर कोड मिले, जिनके जरिए ये शिकार तलाशते थे।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वे फर्जी सिम का इस्तेमाल कर लोगों से संपर्क करते, ‘पुराने खजाने से मिली सोने की ईंट’ बताकर लालच देते और जब सौदा पक्का हो जाता, तो नकली ईंट थमा कर फरार हो जाते थे।
साइबर थाना पुलिस ने अब मामला दर्ज कर ठगों के नेटवर्क की गहराई से जांच शुरू कर दी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने कितने लोगों को अपनी ‘सोने की जालसाजी’ में फंसाया है और इससे कितनी रकम हड़पी है।