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फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 5 गिरफ्तार

नकली बैंक कर्मचारी बनकर व्हाट्स ऐप से करते थे ठगी
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फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुये पुलिस ने दो महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से आठ मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड व दो डायरी बरामद की गई हैं। आरोपी अमर, अमन व ज्ञानेंद्र को अदालत में पेश करके दो दिन का रिमांड लिया गया।

जानकारी के अनुसार 16 जुलाई को एक व्यक्ति ने साइबर अपराध पश्चिम गुरुग्राम को एक लिखित शिकायत दी और कहा कि उसे फोन कॉल पर फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर क्रेडिट कार्ड में मासिक चार्ज रिडीम करने की बात कही गई। फर्जी लिंक के माध्यम से फोन का एक्सेस लेकर व क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरवाकर रुपए ट्रांसफर करके धोखाधड़ी से ठगी कर ली गई। इस मामले में सोमवार को दिल्ली स्थित अक्षरधाम में बने फर्जी कॉल सेंटर पर रेड की। मौके से दो महिलाओं सहित पांच आरोपियों को काबू किया। आरोपियों की पहचान ज्ञानेंद्र (36), अमर उर्फ बंटा (26) दोनों निवासी उत्तम नगर दिल्ली, सातवीं पास अमन (24) निवासी राजा पार्क मोहन गार्डन दिल्ली, अमिता (26 वर्ष) निवासी सी ब्लॉक उत्तम नगर दिल्ली व यासना (26) नन्हे पार्क उत्तम नगर दिल्ली के रुप में हुई।

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पुलिस पूछताछ में आरोपी अमर उर्फ बंटा शर्मा ने बताया कि उसका गारमेंट्स का बिजनेस था। जिसमें काफी नुकसान हो गया था। उसी दौरान इसकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई, जो क्रेडिट कार्ड रिचार्ज और अन्य फ्रॉड किया करता था। जिससे यह उस व्यक्ति के साथ कॉलिंग का काम करने लगा। जून में उसने साइबर फ्रॉड खुद करने की योजना बनाई। उसने इस फ्रॉड के काम में आरोपी ज्ञानेंद्र को भी इसका पार्टनर बनाया। उन्होंने कॉल करने के लिए आरोपी यासना व अमिता को लोगों के पास कॉल करने के लिए हायर किया व किराए पर एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया। महिला आरोपी याशना व अमिता लोगों के पास कॉल करती व उनको क्रेडिट कार्ड रिचार्ज व रिडीम करने के लिए फोन करती। उनको विश्वास में लेकर व्हाट्स ऐप पर लिंक भेजती व उसके फोन का एक्सेस लेकर ओटीपी लेकर क्रेडिट कार्ड से रुपए ट्रांसफर कर लेती थी। जिसके बदले आरोपी महिला यासना व अमिता को 25 हजार रुपए वेतन मिलता था। आरोपी अमर शर्मा ने बताया कि उन्हें डाटा व लिंक इनका एक अन्य साथी उपलब्ध कराता था। उपरोक्त अभियोग में आरोपियों ने शिकायतकर्ता के पास कॉल करके विश्वास में लेकर उसके क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स लेकर, फोन एक्सेक्स करके उसके साथ साइबर फ्रॉड किया। इस मामले में ठगी गई राशि में से इनके एक साथी ने रुपए निकालकर आरोपी अमर को एक लाख 50 हजार रुपए दिए थे। आरोपी अमर शर्मा ने एक लाख 50 हजार रुपए में से आरोपी याशना व अमिता को 10-10 हजार रुपए मिले। आरोपी ज्ञानेंद्र को ठगी गई राशि में 30 हजार रुपए मिले। बाकी एक लाख रुपए आरोपी अमर शर्मा के हिस्से आए।

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