ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स में सात साल में बिजली, पानी के कनेक्शन नहीं
सात साल पहले आवंटित किए गए ईडब्ल्यूएस कोटे के 40 फ्लैट्स में आज तक डेवलपर ने बिजली, पानी तक की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है। देखरेख के अभाव में ये फ्लैट भी जर्जर हो चुके हैं, लेकिन इनमें सुविधाएं देकर, सुधार कराने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन की जांच रिपोर्ट में भी सब कमियां पाई गई हैं, इसके बाद भी सुविधाएं देने में न तो बिल्डर कदम आगे बढ़ा रहा है और न ही आरडब्ल्यूए कुछ कर रही है।
इन फ्लैट्स को लेकर शिकायतकर्ता महिला मीना देवी, कमला, केशव, धर्मवती आदि ने शिकायत जिला उपायुक्त को दी थी। शिकायत में कहा गया कि सरकार की नीति के अनुसार उनके नाम पर फ्लैट तो आवंटित किए गए, लेकिन इनमें सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। वर्ष 2018 में पार्श्वनाथ ग्रीन विले सोसायटी में ईडब्ल्यूएस कोटे से फ्लैट अलॉट हुए थे। इनकी रजिस्ट्री 2021 में कराई गई। आज तक इन फ्लैट् में बिजली, पानी, सीवरेज की कोई सुविधा नहीं है। इमारत भी खंडहर होती जा रही है। जिला शहर विकास प्राधिकरण में चार-पांच बार शिकायत दी गई है। अधिकारी द्वारा उन्हें बुलाया भी गया, लेकिन कोई समाधान नहीं किया गया। सीएम विंडो पर दो साल तक शिकायत लगाते रहे, वहां से भी इन गरीबों को निराशा ही हाथ लगी। 13 जून 2023 को हरेरा में शिकायत दी गई। वहां से भी कुछ नहीं हुआ। उपायुक्त को दी गई शिकायत के बाद उपायुक्त ने नगराधीश को इसकी जांच सौंपी थी। नगराधीश ने बारीकी से जांच करके उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी। जांच रिपोर्ट में यह साफ लिखा गया कि ये ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स रहने के हिसाब से पूरी तरह से असुरक्षित हैं। इनमें लगाई गई निर्माण सामग्री की गुणवत्ता बहुत खराब है। ग्रीन विले प्रोजेक्ट के टीसीपी द्वारा स्वीकृत नक्शे अनुसार ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की जो एंट्री दी गई है, वह मौके का निरीक्षण करने के दौरान बंद मिली। उसे खुलवाया जाना चाहिए। ईडब्ल्यूएस फ्लैट में बिजली सुविधा को लेकर आरडब्ल्यूए ने बिजली की कमी का हवाला दिया। साथ ही 8 मई 2024 को यह कहा कि चार महीने में 1000 केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इस काम को पूरा नहीं किया जाएगा।