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बेटी रचना को ओलंपिक खिलाने के लिए जमीन भी बेचनी पड़े तो बेच देंगे!

जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर लौटी बौंद खुर्द की पहलवान बेटी का स्वागत
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चरखी दादरी के गांव बौंद खुर्द में खुशियां मनाते रचना, उसकी सरपंच मां व अन्य परिजन। -हप्र
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पिछले दिनों ग्रीस में आयोजित जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशीप में गोल्ड मेडल जीतकर घर लौटने पर गांव बौंद खुर्द के सरपंच की बेटी रचना परमार उर्फ भंभो पहलवान का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। वहीं पिता अजीत नंबरदार का सपना बेटी को ओलपिक में गोल्ड जीतने का है। पिता ने कहा कि बेटी को ओलंपिक में खिलाने के लिए चाहे जमीन भी बेचनी पड़े तो बेच देंगे। बेटी का सपना पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।

बता दें कि गांव बौंद खुर्द की महिला सरपंच क्षमा देवी की 17 वर्षीय बेटी रचना परमार उर्फ भंभो पहलवान ने अंडर-17 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। रचना ने ग्रीस में आयोजित प्रतियोगिता के फाइनल में चीन की खिलाड़ी को 3-0 से हराया है। रचना ने 43 किलोग्राम भार वर्ग में यह उपलब्धि हासिल की है। वहीं करीब एक माह पहले रचना ने एशियन चैंपियनशीप में गोल्ड मेडल जीता था। भारतीय कुश्ती फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण भी बौंद में आयोजित कार्यक्रम में रचना परमार को सम्मानित करने पहुंचे थे। गीता-बबीता फोगाट बहनों से प्रेरणा ले कुश्ती के दंगल में उतकर रचना परमार अब तक अनेक मेडल अपने नाम कर चुकी है।

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गोल्ड विजेता रचना परमार ने कहा कि करीब 8 साल पहले वह अपने भाई के साथ अखाड़े में गई थी और खेल शुरू किया। इस दौरान कोच ने उनकी प्रतिभा निखारी और कड़ी मेहनत के बूते वे इस मुकाम पर पहुंची हैं। रचना ने कहा कि वह डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण को प्ररेणास्रोत मानती हैं। अब भविष्य में 2028 को ओलंपिक में खेलना और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना ही उसका लक्ष्य है।

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